प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस खरीफ मौसम में भी रहेगी जारी : कृषि निदेश डॉ.कौंडल

कृषि निदेशक का किसानों से आहवान: अपनी फसलों का करवायें बीमा

  • आगामी खरीफ मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रहेगी लागू

शिमला: प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आगामी खरीफ मौसम में भी जारी रहेगी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को मक्की व धान की फसलों पर बीमा आवरण मिलेगा। यह निर्णय फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता कृषि प्रधान सचिव ओंकार चन्द शर्मा ने की।

यह जानकारी देते हुए कृषि निदेषश डॉ. देस राज ने बताया कि चालू खरीफ में ऋणी तथा गैर ऋणी किसानों द्वारा मक्की व धान की फसलों पर बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2019 निर्धारित की गई है ।  यह योजना ऋणी किसानों के लिये अनिवार्य तथा गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना 6 मार्च 2019 को जारी कर दी  है।

डॉ. देस राज ने कहा कि प्रतिकूल मौसम से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है तथा आर्थिक हानि होती है। इस योजना का उदेश्य किसानों की फसलों को बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि आग, आसमानी बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, आँधी, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करना है। इसके अलावा अगर किसान कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर बुवाई नहीं कर पाता है तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा।

इसके साथ साथ इस योजना में कटाई के उपरांत खेत में सुखाने हेतु रखी फसल यदि 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिष व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो क्षतिपूर्ति का आंकलन खेत स्तर पर ही किया जाएगा। यह योजना लाहौल व स्पिति और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों के लिए है। इन जिलों को दो वर्गो में बांटा गया है। चम्बा, हमीरपुर, काँगड़ा व ऊना वर्ग-1 में शामिल है तथा वर्ग-2 में बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल है। चम्बा, हमीरपुर, काँगड़ा व ऊना के जिलों का बीमा chek AIC India Ltd करेगी जबकि बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के किसानों का बीमा The New India Assurance Company करेगी । मक्की व धान दोनो फसलों हेतु सामान्य कवरेज पर बीमित राशि 30,000 रूपये प्रति हैक्टेयर है। प्रीमियम की दर किसानों के लिए बीमित राशि के अनुसार 2 प्रतिशत रखी गई है। इसके पश्चात जो अंतर आऐगा शेष प्रीमियम राज्य व केन्द्र सरकार 50:50 के अनुपात में वहन करेगी।

कृषि निदेशक ने किसानों का आहवान किया कि फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति करने हेतु अपनी फसलों का बीमा करवायें। इसके लिए वे अपने नजदीक की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं, ग्रामीण बैंकों तथा वाणिज्यिक बैंकों से सम्पर्क करें व इस बारे में अपने नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व खण्ड स्तर पर तैनात विषयवाद विशेषज्ञ का भी सहयोग ले सकते हैं।

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