पुस्तक मेले का शुभारम्भ, मेले में विभिन्न भाषाओं में अनेक पुस्तकें उपलब्ध

शिमला: पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र हैं। पुस्तकों से ही सभी को ज्ञान मिलता है और यह हमारा मार्गदर्शन करती हैं। संसार के प्रथम ग्रंथ ऋग्वेद की रचना भारतवर्ष में हुई थी और भारत ज्ञान-विज्ञान, योग और अध्यात्म के बल पर विश्व गुरू कहलाया। आज भी असंख्य हस्तलिखित ग्रंथ विभिन्न संग्रहालयों, पुस्तकालयों तथा विद्वानों के निजी संग्रहों में संरक्षित हैं। यह बात उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां शिमला के गेयटी थिएटर में पुस्तक मेले के उद्घाटन अवसर पर कही। बिक्रम सिंह ने इस दौरान पुस्तक मेले में विभिन्न प्रकाशनों के स्टाल का निरीक्षण करते हुए कहा कि मेले में विभिन्न भाषाओं में अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिससे पाठकों का ज्ञानवर्धन हो सकेगा। उन्होंने युवा पीढ़ी से पुस्तकें पढ़ने में और अधिक रुचि पैदा करने को कहा ताकि वे अपना भविष्य संवार सके।

पुस्तक मेले के संयोजक एवं ओकार्ड इंडिया के निदेशक राकेश गुप्ता ने बताया कि शिमला में उनका यह चौथा पुस्तक मेला है। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान आयोजकों द्वारा लेखकों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का लेखन तथा समाज सेवा क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए मीनाक्षी कंवर को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

भाषा एवं संस्कृति सचिव डॉ. पूर्णिमा चौहान ने कहा कि पुस्तक मेले के दौरान हिमाचल अकादमी द्वारा लोक साहित्य, लोक कला, पहाड़ी भाषा, संगोष्ठी तथा हिन्दी कहानी, कविता पाठ आदि का आयोजन भी किया जाएगा।

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