शिमला में एक तरफ पानी की किल्लत तो दूसरी तरफ सफाई व्यवस्था चरमराई

शिमला: प्रदेश की राजधानी शिमला जहाँ पहले ही पानी की किल्लत से जूझ रही है वहीं अब जगह-जगह कचरे के ढेर से लोग परेशान हो गए हैं। पानी जहां 4-5 दिन में एक बार थोड़ा बहुत आ रहा है, वहीं गंदगी का आलम यह है कि जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। राजधानी शिमला में पानी की किल्लत से लोगों में भारी रोष भी है। पानी के बिल में कोई कटौती नहीं लेकिन पानी की आए दिन किल्लत बढ़ती जा रही है। पानी की कमी के चलते आजकल घरों में मेहमानों का आना परेशानी से भरा तो वहीं अगर कहीं कोई कार्यक्रम या शादी ब्याह हो तो भारी दिक्कत। बहरहाल, शहर में आज टूटीकंडी, छोटा शिमला, खलीनी, कसुम्पटी, लोअर खलीनी, झिझड़ी, राजभवन, ब्रॉकहोस्ट, वर्मा अपार्टमेंट, के साथ-साथ उपनगर संजौली और उपनगर ढली, टुटू,  मैहली, केल्टी, न्यू शिमला, विकास नगर, चक्कर में भी पानी की सप्लाई नहीं आई है। बता दें कि आज आधे शिमला को पानी नहीं मिला है।

इस समस्या के बावत शनिवार को कांग्रेस पार्षदों के साथ-साथ भाजपा पार्षद आरती चौहान भी नगर निगम ऑफिस पहुंची और मेयर के खिलाफ खूब हो हल्ला किया। बताया जा रहा है कि जब पार्षद ऑफिस में पहुंचे तो मेयर कुसुम सदरेट अपने ऑफिस में नहीं थी। विरोध करने वाले पार्षदों में भाजपा की आरती चौहान,कांग्रेस पार्षद राजेश चौहान और अर्चना धवन आदि शामिल थे। इन पार्षदों ने मेयर का काफी समय तक इंतजार किया पर मेयर नहीं आई। जब भाजपा पार्षद आरती चौहान ने मेयर को फोन किया तो कुसुम सदरेट ने पार्षद का फोन भी नहीं उठाया।

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