प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा सिरमौर में प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित, विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यशाला की सफलता के लिए सदस्य सचिव को दी बधाई

  • प्रशिक्षण कार्यशाला में जैविक संसाधनों के बारे स्थानीय लोगों व हितधारकों को कराया अवगत
  • कार्यशाला में करीब 500 लोगों ने लिया भाग
  • विधानसभा अध्यक्ष ने की प्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड के प्रयासों की सराहना

शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा आज जिला सिरमौर में जैव विविधता अधिनियम, 2002 और नियम, 2004 के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला में करीब 500 लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के प्रधान, बी.डी.सी सदस्य, जिला परिषद सदस्य, सम्बंधित  विभाग अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी इत्यादि ने भाग लिया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजीव बिंदल ने राज्य जैव विविधता की सभी अनूठी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए इसके संरक्षण के प्रति सभी हितधारकों को जैविक विविधता अधिनियम 2002 और नियम 2004 के प्रति जागरूक रहने को कहा। राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड के प्रयासों को सराहते हुए कार्यशाला की सफलता के लिये हिमाचल प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव को बधाई भी दी। कार्यशाला में राजीव बिंदल ने स्थानीय स्तर पर जैव विविधिता प्रबंधन समितियों के गठन की प्रक्रिया, जैव विविधिता प्रबंधन समितियों की भूमिका, जन जैव विविधिता रजिस्टर की तैयारी और जैव विविधता अधिनियम के लाभ साझाकरण प्रावधनों का ब्यौरा लेते हुए सभी हित धारकों को इस मुद्दों के प्रति सतर्क, संवेदनशील एवं जागरूक रहने की हिदायत दी।

प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान जैविक संसाधनों के बारे में स्थानीय लोगों और हितधारकों को अवगत कराया गया। जैव संसाधनों का संरक्षण और स्थायी उपयोग एवं लाभ साझाकरण प्रक्रिया (ए.बी.एस) प्रावधानों के बारे में  स्थानीय लोगों, हितधारकों और सम्बंधित विभागों से आये अधिकारियों को सूचित किया गया। जैव विविधिता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) के स्थानीय जैव-संसाधन मुद्दों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों एवं  जैविक संसाधनों से जुड़े पारंपरिक ज्ञान/सूचना के दस्तावेजीकरण पर भी चर्चाएं हुई।

हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी.) ने सिरमौर जिले की 228 ग्राम पंचायत में से 48 ग्राम पंचायतों मे 48 जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) का गठन किया है जिसमें से 20 जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी.) में जन जैव विविधता रजिस्टर (पी.बी.आर) ग्राम पंचायत स्तर पर तैयार किये जा रहे हैं।  26 लाख रुपैय की राशी अभी तक हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी.) ने सिरमौर जिले मे 48 जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) को प्रदान की है जो स्थानीय जैव विविधता फण्ड के नाम से जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बीएमसी) के बैंक खातों में वितरित की गई है।

कार्यशाला प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव, कुणाल सत्यार्थी के पर्यवेक्षण/मार्गदर्शन के तहत आयोजित की गई। हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के अधिकारियों ने भी इसमें अपनी भूमिकाएं निभाई। हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, पंचायती राज विभाग, अन्य प्रशाशनिक विभाग और हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अधिकारी भी इस कार्यशाला में उपस्थित थे।

कार्यशाला का उद्देश्य

  • जैव विविधता अधिनियम, नियम और इससे जुडे लाभ साझाकरण के प्रावधानों एवं संबंधी प्रावधानों पर स्थानीय हितधारकों को जैव संसाधनों और उनसे जुड़े परंपरागत ज्ञान के संरक्षण हेतु कार्यशाला।
  • आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण जानवरों और पौधों की परंपरागत प्रजातियों / नस्लों के संरक्षण/ जैव संसाधनों के संरक्षण पर जैव विविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी) की भूमिका एवं क्षमता निर्माण और जैव संसाधनों और स्थायी उपयोग पर जागरूकता हेतु कार्यशाला।
  • जैविक संसाधनों से जुड़े पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए बी.एम.सी की विशिष्ट भूमिकाओं और कार्यों के बारे में ज्ञान।
  • जैविक संसाधनों के संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन के लाभों को सुरक्षित करने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विकल्पों की पहचान कर इन विकल्पों को जैव संरक्षण के कार्य मे लाना।

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