- राशनकार्ड धारकों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप, जिसमें खाद्यान्न से संबंधित जानकारी उपलब्ध
- जल्द ही कई योजनाएं व कार्यक्रम होंगे शुरू
- समस्त उचित मूल्य की दुकानों पर आधारयुक्त भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए प्रयत्नशील
- प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को नकदी कैश लेकर जाने की नहीं होगी आवश्यकता
- उपभोक्ता का उनके आधार लिंक खाते से सीधे देय राशि का होगा भुगतान
शिमला: विभाग द्वारा 100 दिन के निर्धारित लक्ष्यों में से अधिकतर को पूरा कर लिया गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा राज्य के 88.6 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है जिससे जाली राशन कार्डों पर अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि इससे खाद्यान्न व राशन के दुरूपयोग पर भी रोक लगने के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा राशनकार्ड धारकों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया गया है जो उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्न से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। यह ऐप एंडरॉयड आधारित है। इस ऐप के माध्यम से उपभोक्ता खाद्यान्न संबंधी पात्रता, कार्ड घारकों की सदस्यता का पता घर बैठे ही कर सकते हैं। इस ऐप से राशनकार्ड धारक अपना राशन कार्ड सेव कर सकते हैं तथा इसके माध्यम से वह राशन भी ले सकते हैं। इसी ऐप में एक सरल फीडबैक फार्म भी उपलब्ध करवाया गया है जिसके माध्यम से उपभोक्ता अपनी उचित मूल्य की दुकान से संबंधित फीडबैक विभाग को आसानी से भेज सकता है। ऐप के माध्यम से उपभोक्ता उचित मूल्य की दुकान, खाद्य संबंधी कमी या गुणवत्ता संबंधी शिकायत भी विभाग को भेज सकता है। ऐप में यह भी प्रावधान किया गया है किसी परिवार के सदस्य की संख्या तथा पात्रता के अनुसार कितना राशन मिलेगा, इसके ब्यौरे के साथ-साथ सामग्री के मूल्य के बारे में जानकारी इस ऐप में उपलब्ध है।
कपूर ने कहा कि विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि उचित मूल्य की दुकानों पर उपभोक्ताओं के राशन क्रय संबंधी बिल व कैशमेमो उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएं, इस दिशा में विभाग द्वारा सॉफटवेयर तैयार किया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 100 दिन के लक्ष्यों में नापतोल इकाई द्वारा व्यापारियों के पंजीकरण व लाईसैंस को सरल, पारदर्शी व गतिशील करने के उद्देश्य से एक वैबसाइट विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। इस व्यवस्था से व्यापारियों को घर बैठे ही अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ही पंजीकरण व लाईसैंस आदि प्राप्त करने की सुविधा मिल रही है और अब उन्हें इन कार्यों के लिए विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। किशन कपूर ने कहा कि विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है तथा निकट भविष्य में विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एक नई महत्वकांक्षी योजना ‘हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना’ आरम्भ की जा रही है, जिसका मुख्य लक्ष्य प्रदेश के ऐसे परिवारों, जिनके पास गैस कनैक्शन नहीं है को गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाना है जिसके लिए उन्हें एकमुश्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। योजना के लिए बजट में 12.00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग आने वाले समय में समस्त उचित मूल्य की दुकानों पर आधारयुक्त भुगतान प्रणाली को लागू करने के लिए प्रयत्नशील है, इसके तहत उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकान में नकदी कैश लेकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा उपभोक्ता का उनके आधार लिंक खाते से सीधे देय राशि का भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि विभागीय सर्वर को हिमाचल प्रदेश डाटा सेंटर में स्थानान्तरित करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके कार्यान्वयन से समस्त डाटा सुरक्षित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा राज्य के लिए मिट्टी तेल के कोटे को बढ़ाने का मामला केन्द्र सरकार से उठाया गया है तथा शीघ्र ही वह इस मामले को लेकर केन्द्रीय खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री से भी भेंट करेंगे।
कपूर ने कहा कि कई बार उपभोक्ताओं से शिकायतें आती है कि उनके राशन का कोटा उचित मूल्य दुकान धारकों द्वारा खुले बाजार में बेचा गया है। इस पर अंकुश लगाने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन सप्लाई चेन मॉडयूल तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत समस्त 4935 डिपुओं पर पॉस डिवाईस प्वांईट ऑफ सेल मशीन लगाई गई है। जैसे ही थोक गोदाम से किसी उचित मूल्य की दुकान के लिए सामान का बिल जारी किया जाएगा, वैसे ही सामान की प्रविष्टि पॉस डिवाईस में स्वतः ही प्रदर्शित हो जाएगी। जैसे-जैसे डिपो द्वारा सामान की बिक्री की जाएगी, खाद्यानों का स्टॉक स्वयं ही कम हो जाएगा। महीने के अन्त में मशीन से स्वतः ही खाद्यानों की मांग हि.प्र. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को चली जाएगी। यह मांग कुल लागत में से शेष खाद्यानों को कम करके ही संकलित होगी, जिससे खाद्यानों को खुले बाजार में बेचना सम्भव नहीं होगा। खाद्यानों के वितरण को और अधिक पारदर्शी बनाने तथा उपभोक्तओं को राशन की उपलब्धता के बारे में अवगत करवाने के लिए विभाग द्वारा मोबाइल एसएमएस भेजने हेतु मॉडयूल तैयार किया गया है, जो उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकान पर राशन की उपलब्धता बारे सूचना करवाएगा। कपूर ने कहा कि हि.प्र. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निगम में आम जनता की सुविधा के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से शिकायतें दर्ज की जा सकती है तथा निगम द्वारा इनका यथा उचित निवारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि निगम ने हैफैड के उत्पादों का प्रापण व बिक्री का कार्य सरकार की स्वीकृति के बाद आरम्भ कर दिया है। निगम के स्वामित्व वाले 20 गोदामों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, जबकि शेष 51 गोदामों में शीघ्र ही लगाएं जाएगे। इसके अतिरिक्त निगम के मख्यालय मण्डल कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, सीमेंट प्रापण कार्यालय, 12 थोक गोदामों, 6 दवा की दुकानों, 2 पैट्रोल पम्पों व एलपीजी एजेंसियों में पहले ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा गोदाम बिलिंग का पॉस मशीन के साथ एकीकरण किया गया है। इससे गोदाम से जारी की गई वस्तुएं उचित मूल्य की दुकानों पर लगी पॉस मशीनों में त्वरित देखी जा सकती है। निगम द्वारा शिमला जिला के नेरवा में तथा पालमपुर के निकट सिद्धपुर में गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।