पीएमएवाई (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के लिए 3,21,567 सस्ते घरों को स्वीकृति

शहरी गरीबों के लिए जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत 10 वर्षों में सबसे अधिक आवास निर्माण को मंजूरी

  • जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत 12.40 लाख मकानों के लक्ष्‍य की तुलना में 12.84 लाख किफायती मकान बनाने की स्‍वीकृति
  • विमुद्रीकरण से रियल स्‍टेट क्षेत्र पर पड़ेगा सकारात्‍मक प्रभाव : वेकैया नायडू

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज घोषणा की कि उसने शहरी गरीबों के लिए देश के 2329 शहरों में 12,83,616 रियायती मकानों को बनाने की मंजूरी दी है। यह जवाहरलाल नेहरु शहरी नवीकरण मिशन के 10 वर्षों के 1240968 मकानों के लक्ष्‍य की तुलना में अधिक हैं।

आज यहां संवाददाता सम्‍मेलन में घोषणा करते हुए आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि उनके मंत्रालय ने आज 7 राज्‍यों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गोंके लिए 1,97,402 मकान निर्माण को स्‍वीकृति दी। इससे बहुत कम अवधि में जेएनएनयूआरएम के लक्ष्‍य को पार करने में सफलता मिली है। आज मंत्रलय द्वारा जिन राज्‍यों में किफायती मकानों को मंजूरी दी गई। उनमें तमिलनाडू 3,714 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 1,13, 327 मकान, कर्नाटक 31,880 (1,186 करोड़ रुपये), गुजरात 18,248 (1,096 करोड़ रुपये ), मध्‍य प्रदेश 16448 (813 करोड़ रुपये), पंजाब 16,187 (447 करोड़ रुपये), राजस्‍थान 1,280 (50 करोड़ रुपये) तथा मेघालय 32 (1.00 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

उच्‍च मूल के करेंसी नोटों को सरकार द्वारा समाप्‍त करने की घोषण पर वेंकैया नायडू ने कहा कि इस कदम से रियल स्‍टेट क्षेत्र पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि इससे कीमतों में स्थिरता आएगी और इस क्षेत्र में नई समान्‍य स्थिति बनेगी। उन्‍होंने कहा कि निर्धारित आय वाले और वेतनभोगी लोग किफायती मकान खरीदते हैं। इससे आवास क्षेत्र को मदद मिलेगी। नायडू ने कहा कि इस विषय में रियल सेक्‍टर के प्रतिनिधियों की राय जानने के लिए वे जल्‍द बैठक करेंगे।

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