मुख्यमंत्री ने विद्युत परियोजनाओं में हिंसक गतिविधियों में संलिप्त ट्रेड यूनियनों को किया आगाह

मुख्यमंत्री ने विद्युत परियोजनाओं में हिंसक गतिविधियों में संलिप्त ट्रेड यूनियनों को किया आगाह

मुख्यमंत्री ने विद्युत परियोजनाओं में हिंसक गतिविधियों में संलिप्त ट्रेड यूनियनों को किया आगाह

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र ने ट्रेड यूनियनों, विशेषकर जो राजनीतिक लाभ के लिये जल विद्युत परियोजनाओं में कार्य कर रहे मजदूरों को गुमराह कर हंगामा करवाती हैं तथा हिंसा पर उतारु हो जाते हैं, को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल जल विद्युत परियोजनाओं के पूरा होने में विलंब होता है, बल्कि परियोजना की लागत भी बढ़ती है। मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां हिमाचल पावर इंजीनियर्ज एसोसियेशन के 25वें आम सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मजदूरों की जायज मांगों को पूरा किया जाना चाहिए और उनके देय समय पर प्रदान किए जाने चाहिए जिनके लिये वे पात्र हैं, लेकिन ट्रेड यूनियनों  द्वारा राजनीतिक स्वार्थ एवं मान्यता के लिये अवांछित तरीके से हिंसा को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि आमतौर पर कामगार वर्ग बोर्ड अथवा विभाग व निगम की कार्यप्रणाली से नाराज नहीं होते हैं, बल्कि कामगारों को उन ठेकेदारों से शिकायत रहती है, जो समय पर उनका मानदेय अदा नहीं करते हैं और कार्य रोकने का अवांछित तरीका अपनाने के लिए बाध्य करते हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को उनके मजदूरों के प्रति स्पष्ट एवं दयालु होना चाहिए और उन्हें प्रबन्धन के विरूद्ध आवाज उठाने व कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मौका देने के बजाए उनकी मजदूरी तथा अन्य देय लाभों को समय पर अदा करना चाहिए। बोर्ड को यह भी सुनिश्चित बनाना चाहिए कि जल विद्युत परियोजनाओं में कार्यरत मजदूरों की सभी जायज मांगें समय पर पूरी हां।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्राय: यह भी देखा गया है कि कुछ  ट्रेड यूनियनें, विशेषकर राज्य के जनजातीय एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में राजनीतिक लाभ तथा अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कामगारों को विद्रोह व हड़ताल के लिए उकसाती हैं और ऐसा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इन शरारती तत्वों के विरूद्ध मौके पर ही कड़ी कार्रवाई करेगी, जहां पर भी वे आन्दोलन करेंगे, साथ ही मजदूरों को भड़काने वाले ऐसे तत्व जहां कहीं पर भी हो, सख्ती से निपटेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के कारण किन्नौर, चम्बा तथा अन्य दूरदराज के क्षेत्रों की जल विद्युत परियोजनाओं को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। उन्होंने ट्रेड यूनियनों से अपने आप तथा स्थानीय लोगों को समस्याएं उत्पन्न करने के बजाए जायज मुद्दों व मांगों का बैठकर समाधान निकालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की असहिष्णुता अथवा हिंसा का कड़ा जबाव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही मजदूर वर्ग के हित में रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजदूर आजीविका के लिए दूर-दूर से आते हैं और उनके जायज हिस्से की अदायगी समय पर की जानी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर के साथ अन्तरराष्ट्रीय सीमा लगती है और इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने देश तथा राज्य हित में अवांछित तत्वों पर निगरानी के लिए ईनर लाईन परमिट जारी करने के लिए किन्नौर जिला के वांगतू में एक चेक पोस्ट खोलने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने सावड़ा-कुडडू (111 मेगावाट), 195 मेगावाट काशंग जल विद्युत परियोजना तथा 100 मैगावाट की सैंज परियोजनाओं के पूरा करने में अनावश्यक विलम्ब पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में अनावश्यक देरी के कारण इनकी लागत बढ़ी है। उन्होंने निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। वीरभद्र सिंह ने हि.प्र. पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि एसोसिएशन पावर प्रणाली में आधुनिक तकनीक को अपना कर राज्य में बिजली उपयोगिता को देश भर में श्रेष्ठ बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। यह इंजीनियरों के कठिन परिश्रम के कारण है कि आज हिमाचल प्रदेश ने शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की उपलब्धि को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में बिजली की तारें एवं खम्बे स्थापित करना सरल कार्य नहीं है, लेकिन विद्युत बोर्ड, पावर कारपोरेशन तथा ट्रांसमिशन के इंजिनियरों ने राज्य के प्रत्येक घर में बिजली पहुंचाने की विशिष्ट उपलब्धि को हासिल किया है।

मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना को सुदृढ़ कर निर्बाध एवं विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्रदान करने का भी आग्रह किया। एचपीईए के अध्यक्ष एस.एन. उप्रेति ने संघ की विभिन्न मांगों को प्रस्तुत किया। उन्होंने सहायक अभियन्ताओं तथा सहायक अधिशाषी अभियन्ताओं के लिए ग्रेड पे तथा हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड के लिए उज्ज्वल डिस्काउंट एश्योरेंस योजना अपनाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहायक अभियन्ताओं और सहायक अधिशाषी अभियन्ताओं के लिए 6850 रुपये ग्रेड पे का मामला इस सम्बन्ध में गठित सेवा समिति द्वारा रखा गया था और समिति की सिफारिश प्राप्त करने के बाद सरकार इस पर आवश्यक फैसला लेगी। उन्होंने समझौता ज्ञापन के बाद उदय स्कीम को अपनाने पर विचार करने का भी आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारिका और एचपीईए की दूरभाष निर्देशिका का विमोचन भी किया। उन्होंने इस अवसर पर पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया।

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