“हिमाचल प्रदेश” शिक्षा और समावेशी विकास में सर्वश्रेष्ठ राज्य

  • स्टेट ऑफ स्टेटसपर कान्क्लेव नई दिल्ली में

शिमला: हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में बडे़ राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य तथा समावेशी विकास श्रेणी में देश का सर्वाधिक उन्नत राज्य घोषित किया गया है। राज्य को यह दर्जा इण्डिया टूडे समूह द्वारा ‘द स्टेट ऑफ स्टेटस’ पर करवाए गए एक अध्ययन के उपरांत प्रदान किया गया है। इण्डिया टूडे समूह द्धारा यह अध्ययन प्रत्येक वर्ष यह पता लगाने के लिये करवाया जाता है कि भारत का कौन सा राज्य अपने नागरिकों को कार्यक्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतर अवसर प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से ये पुरस्कार उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इण्डिया टूडे द्धारा गत सांय नई दिल्ली में आयोजित कान्क्लेव में प्राप्त किये। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पुरस्कृत होने वाले राज्यों को ये पुरस्कार प्रदान किए।

कान्क्लेव में ‘एक देश एक करः जीएसटी की आशंका एवं फायदे’ तथा ‘राज्य के हित में क्या अच्छा है और क्या नहीं’ पर पैनल परिचर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों के मुख्य मंत्रियों तथा वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किये।

परिचर्चा में भाग लेते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह के प्रभावशाली एवं ओजस्वी नेतृत्व तथा राज्य के लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी एवं उत्तरदायी शासन प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण हिमाचल प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक-आर्थिक उत्थान तथा समावेशी उन्नति के क्षेत्र में एक अग्रणी एवं मार्गदर्शक राज्य के रूप में उभरा है।

अग्निहोत्री ने कहा कि इन उपलब्धियों का श्रेय राज्य के लोगों को भी जाता है, जो कठिन परिश्रम, सादगी एवं ईमानदारी के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने राज्य के लोगों, विशेषकर कर्मचारियों को भी बधाई दी जो अपनी सेवाओं का निष्पादन समर्पण एवं प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं ।

उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश का समग्र एवं संतुलित विकास सुनिश्चित बनाया है तथा सकारात्मक नीति पहल एवं सुशासन ने लोगों को उनकी क्षमता के अनुरूप अपने स्वपन साकार बनाने के लिये एक मंच प्रदान किया है। समावेशी विकास तथा शिक्षा के क्षेत्र में ये पुरस्कार वीरभद्र सिंह के गतिशील नेतृत्व में सरकार की उपलब्धियों को बयां करते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा हब के रूप में उभरा है और प्राथमिक स्तर से कालेज स्तर तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्याथी-शिक्षक अनुपात 15 है जो देशभर में श्रेष्ठ है तथा किसी भी विद्यार्थी को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिये 1.5 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़ती। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है और अध्ययन कार्य में सुधार लाने के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अग्निहोत्री ने इतने बड़े कार्यक्रम के आयोजन तथा विभिन्न पहलूओं पर अध्ययन करवाने के इण्डिया टूडे के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ये पुरस्कार राज्यों के मध्य स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना को बढ़ावा देते हैं तथा राज्यों को आपस में अच्छे कार्यों को साझा करने का एक अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने इन उत्कृष्ठ पुरस्कारों के लिये हिमाचल प्रदेश का चयन करने के लिये इण्डिया टूडे समूह का आभार प्रकट किया।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा इन उपलब्धियों के लिये हिमाचल प्रदेश के लोगों को बधाई दी और पर्वतीय राज्यों के सतत् विकास की कामना की। इण्डिया टूडे समूह के संपादकीय समूह निदेशक राज चेन्गप्पा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा  ‘द स्टेट ऑफ स्टेटस’ पर अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला।  इण्डिया टूडे समूह के अध्यक्ष एवं मुख्य संपादक अरूण पूरी ने इस अवसर मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। शिक्षा विभाग के सचिव डा. राकेश शर्मा भी समारोह में उपस्थित थे।

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