- डॉ. परमार की जयन्ती पर श्रद्धांजलि अर्पित
शिमला: डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने अनेक बाधाओं के बावजूद हिमाचल प्रदेश को आधुनिक राज्य बनाने का सपना देखा था। प्रदेश का समग्र विकास, गरीबों, किसानों, बागवानों और आम लोगों का उत्थान हमेशा ही उनके एजेंडे का मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश हमेशा ही उनका ऋणी रहेगा, जिनके नेतृत्व में राज्य को पहाड़ी प्रदेशों में एक अलग पहचान मिली।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज राज्य विधानसभा में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री व आधुनिक हिमाचल प्रदेश के निर्माता डॉ. वाई.एस. परमार को उनकी 110वीं जयन्ती पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि डॉ. परमार ने पंजाब के उन पहाड़ी क्षेत्रों का विलय हिमाचल प्रदेश में करने की वकालत की, जिनकी मिलती-जुलती संस्कृति एवं जीवनशैली थी। उन्होंने त्रिस्तरीय कृषि को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आर्थिकी, विशेषकर बागवानी क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हुए। उन्होंने कहा कि खुशहाली, शिक्षा एवं उन्नत हिमाचल प्रदेश के सपने को साकार करना तथा डॉ. परमार द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी तथा आम आदमी के हितैषी थे, जिन्होंने राज्य के लोगों के दिलों में एक आदर्शवादी होने की छाप छोड़ी। उन्हीं के अनथक प्रयासों से हिमाचल प्रदेश देश का 18वां राज्य बना और तब से राज्य विकास एवं समृद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार ने राज्य में कांग्रेस पार्टी को एकजुट किया और आज पार्टी उनके आदर्शों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज जाति, धर्म व क्षेत्र से परे तथा दलगत राजीनति से ऊपर उठकर राज्य के लोगों के कल्याण के लिए पूरे मन से कार्य करने की नितांत आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश आज एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा है और उन्नति एवं समृद्धि के मार्ग पर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के कल्याण पर विशेष बल दिया गया है तथा राज्य में कार्यान्वित की जा रही नीतियों एवं कार्यक्रमों से समाज का प्रत्येक वर्ग, विशेषकर गरीब तबका लाभान्वित हुआ हैं।
इस अवसर पर हि.प्र. विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने हिमाचल प्रदेश के निर्माण एवं विकास में डॉ. परमार के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने पर्वतीय राज्य के विकास के लिए अनेकों विकास योजनाएं बनाईं। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर डॉ. परमार ने राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित बनाने तथा समाज के गरीब एवं कमज़ोर वर्गों के उत्थान के लिए सड़क निर्माण, विद्युत उत्पादन व बागवानी एवं कृषि क्षेत्रों के विकास पर विशेष बल दिया। बुटेल ने कहा कि डॉ. परमार एक साधारण व्यक्ति थे, जिन्हें राज्य की संस्कृति, रीति-रिवाजों एवं सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की सम्पूर्ण जानकारी थी। उनके कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल किया।