शिमला पुलिस की पत्रकार के साथ दबंगई, मामले को लेकर राज्यपाल से मिले पत्रकार

शिमला : पुलिस ही कानून का उल्लंघन कर पत्रकारों के साथ बदसलूकी व धकामुक्की करते पेश आ रही है। ऐसा यहां पर पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी कई बार पुलिस आम जनता के साथ भी बदसलूकी करते पेश आई है। ऐसा ही मामला बीते दिन संजौली कॉलेज में सामने आया है। जब संजौली कॉलेज में पुलिस द्वारा छात्रों को बेवजह पीटा जा रहा था तो वहां उपस्थित  पत्रकार अपने मोबाईल फोन पर वीडियो बना रहे थे, लेकिन उसी वक्त उक्त पुलिस अधिकारी ने पत्रकार का मोबाइल छीनकर बदसलूकी की और करीब तीन से चार घंटे तक उनका मोबाईल वापस नहीं लौटाया। पत्रकार ने जब मोबाइल मांगा और अपना प्रैस आई कार्ड दिखाया तो प्रभारी ने उनका प्रैस कार्ड चैक किया और उसे फाड़ दिया। उक्त पुलिस अधिकारी ने जिस अमानवीय और शर्मनाक तरीके से वर्दी की धौंस दिखाई वह यकीनन शहर में कानून और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह अधिकारी फिल्मी अंदाज में कॉलेज परिसर में एक एम्बुलेंस में पहुंचे और आधा दर्ज के करीब पुलिस कर्मियों ने गाड़ी से उतरते ही रेलिंग के साथ बैठे निर्दोष छात्रों की पिटाई कर डाली, जिसका वीडियो बनाते हुए पत्रकार का उक्त पुलिस अधिकारी ने मोबाइल जब्त कर दिया और उस वीडियो को डिलीट करने लग गए। पत्रकार द्वारा जब इसका विरोध किया गया तो पुलिस ने उसे बुरी तरह धमकाया जो मीडिया के काम में दखलअंदाजी है।

इसी के चलते बुधवार को 60 के करीब पत्रकार डीएसपी शिमला और डीसी शिमला से मिले और उन्होंने मामले की जांच करने की और साथ ही चौकी प्रभारी को निलंबित करने की भी मांग की है।

  • प्रेस क्लब शिमला ने की मामले को लेकर  बैठक आयोजित
प्रेस क्लब शिमला ने की मामले को लेकर बैठक आयोजित

प्रेस क्लब शिमला ने की मामले को लेकर बैठक आयोजित

आज वीरवार को प्रेस क्लब ऑफ शिमला के अध्यक्ष धनंजय शर्मा के नेतृत्व में प्रेस क्लब में इस संदर्भ में बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी पत्रकार विशेष रूप से मौजूद रहे। इसके उपरांत प्रेस क्लब ऑफ शिमला के सभी सदस्य व प्रेस के सभी इस मामले को लेकर राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिले। राजधानी में पुलिस की दबंगई बार-बार सामने आ रही है। पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाया है कि कानून के तहत पत्रकार को अपने काम करने का अधिकार दिया गया है तो पुलिस उन्हें अपना काम करने से क्यों रोक रही है जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिए हैं कि पत्रकार भीड़ का हिस्सा नहीं है, उसे अपने काम करने की स्वतंत्रता है। बावजूद इसके उक्त चौकी प्रभारी ने पत्रकार के साथ जानबूझ कर बदसलूकी की। पत्रकार ने चौकी प्रभारी पर आरोप लगाया है कि उसने पत्रकार के साथ धकामुक्की भी की है जो कि कानून के दायरे में नहीं है।

  • राज्यपाल से शिमला प्रेस क्लब के सदस्यों ने की भेंट
  • राज्यपाल ने दिया मामले पर उपयुक्त कार्रवाई करने का आश्वासन

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत से आज यहां राजभवन में प्रेस क्लब शिमला के सदस्यों ने क्लब के अध्यक्ष धनंजय शर्मा के नेतृत्व में भेंट कीं। उन्होंने राज्यपाल को शिमला पुलिस द्वारा स्थानीय पत्रकार के साथ किए गए दुर्व्यवहार के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने मामले को गम्भीरता से लिया और मामले पर उपयुक्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

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