प्रो. धूमल ने जताई प्रदेश में चल रही धूल भरी ऑंधी से फसलों, गौशाओं और घरों को पहुँचे नुकसान के प्रति चिन्ता

  • सरकार तुरन्त नुकसान के जायजे हेतु सर्वेक्षण करवाए और प्रभावितों को आर्थिक राहत करे प्रदान प्रो. धूमल
  • तेज आंधी व ओलावृष्टि से सेबों व अन्य फलदार पौधों को पहुंचा है नुकसान

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने पिछले दो दिनों से प्रदेश में चल रही धूल भरी ऑंधी से फसलों, गौशाओं और घरों को पहुँचे नुकसान के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त की है और कहा कि मौसम में आए एकाएक बदलाव से प्रदेश के बागवानों को भारी आर्थिक हानि पहुंची है। तेज आंधी व ओलावृष्टि से सेबों व अन्य फलदार पौधों को नुकसान पहुंचा है। सरकार को चाहिए कि वह तुरन्त नुकसान के जायजे हेतु सर्वेक्षण करवाए और प्रभावितों को आर्थिक राहत प्रदान करे। प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने समय रहते प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार और प्रसार किया होता तो इस तरह के नुकसानों के समय यह योजना प्रदेश के बागवानों के वरदान साबित होती। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मात्र ढेड और दो प्रतिशत के प्रीमियम पर रवि और खरीफ की फसलों का बीमा किया जा सकता है और केवल 5 प्रतिशत प्रीमियम पर बागवानी के सभी फसलों का बीमा किया जाना इस योजना में शामिल है। किसी भी प्राकृतिक आपदा पर फसलों को पहुंचे नुकसान पर मुआवजा मात्र 25 दिनों में मिलने का प्रावधान है।

प्रो.धूमल ने कहा कि हिमाचल हित के लिए यह अतिआवश्यक है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार और प्रसार सरकारी स्तर पर किया जाए। इस योजना के पूरी तरफ से लागू होने से किसानों और बागवानों को होने वाले अंवाछित नुकसानों से बचा जा सकता है और प्रदेश सरकार को इस तरह की आपदाओं के दौरान दिये जाने मुआवजे से होने वाली आर्थिक हानि से राहत मिलेगी। किसानों और बागवानों के हितों के लिए अतिआवश्यक है कि राजनीतिक फायदे और नुकसान से ऊपर प्रदेश हित में कार्य किए जाऐं।

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