शिमला: भारत सरकार द्वारा “भूमिपुत्रों” के हित में जारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने तथा इनसे मिलने वाली सुविधाओं व संरक्षण से किसानों को रूबरु कराने के उद्देश्य के साथ गत दिवस बड़ा, हमीरपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय ”किसान मेले” का आयोजन किया गया। किसानों से जुड़ने एवं उनकी समस्याओं को सांझा करने के लिए हमीरपुर लोकसभा सांसद और भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर ने भी किसान मेले में शिरकत की। केंद्रीय सरकार द्वारा जारी कृषि हितकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित मेले में हाल ही में शुरू हुई ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें प्राकृतिक आपदाओं, कीट व रोगों से फसलों का खराब होना एवं अन्य विपरीत स्थितियों के अंतर्गत किसानो को मिलने वाली वित्तीय सहायता व बीमा कवरेज़ की ओर से मिलने वाले फायदों से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए अनुराग ने कहा, ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के हित में उठाए गए महत्तवपूर्ण कदमों में से एक है। इस योजना के अंतर्गत राजग सरकार फसल बीमा के लिए अब तक की सबसे बड़ा अंशदान कर रही है जो भारत के इतिहास में अबतक किसी सरकार की ओर से नहीं किया गया हैं। तथा इस ऐवज़ में किसानों को बेहद मामूली दर पर प्रीमियम भुगतान करना होगा, जिससे किसान परिवारों पर वित्तीय दबाव नहीं पड़ेगा। पिछली फसल योजनाओं को सिरे से नकारते हुए इस बीमा योजना में हर प्रकार के मौसम तथा ईलाकों में समाज दर लागू की गई है जिसके अनुरूप हर प्रकार के खाद्यान्न, तिलहन व दालों पर हर मौसम के हिसाब के प्रीमियम भुगतान करना होगा। ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के अंतर्गत आगामी खरीफ फसलों के लिए मात्र 2 प्रतिशत की प्रीमियम दर सुनिश्चित की गई है तथा इसी प्रकार अन्य मौसमों की दरों को भी किसान भाईयों की सुविधानुसार ही तय किया जाना है।
”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” को समझाते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि, काफी समय से लंबित किसान अनुकूल उपायों को भी इस योजना में शामिल किया गया हैं। एवंम् इसमें किसानों को फसलों पर पूर्ण बीमा कवर दिया जाएगा व तय बीमा राशि में भी किसी नियम व शर्त के नाम पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। बाढ़ की स्थिति को पहली बार योजना में शामिल किया जा रहा है तथा इसके साथ ही कटाई के बाद चक्रवात व बेमौसम बरसात से पैदा होने वाले नुकसान को भरपाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कवर किया जाएगा। मोबाइल व सेटेलाईट की तकनीकी सहायता से बीमा एजेंसियाँ फसल व नुकसान का सही आकलन करने तथा त्वरित प्रबंधन कर समस्याओं का निपटान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आयोजन के अंत में अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, कि राजग सरकार किसानों का दर्द भलिभांति समझती है की मौसम या अन्य कारणों से फसलों के खराब होने पर एक किसान कितना असहाय हो जाता है। यह योजना किसानों के हितों को सुरक्षित रखती है तथा जिसका लाभ स्थानिय वाणिज्यिक बैंकों से उठाया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के संदर्भ में सूचना अप्रैल माह के अंत तक संप्रेषित करने की उम्मीद की जा रही है जिससे मक्की तथा धान की फसलों को भी ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” में शामिल किया जा सकें। अन्य फसलों को मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत सम्मलित किया जा सकता है। तथा किसी भी संदेह या जानकारी के लिए किसान भाई अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र का रूख कर सकते है।