प्रदेश की निर्विरोध चुनी गई 114 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक को 10 लाख रुपये की राशि प्रदान : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री का पंचायती राज प्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों का समर्पण-भाव से विकास का आग्रह
  • भाजपा नेता पीछे से वार करने के बजाए राजनीतिक लड़ाई के लिए खुलकर सामने आएं : मुख्यमंत्री 

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नव-निर्वाचित पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से लोगों के कल्याण तथा सम्बन्धित क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए समर्पण की भावना से कार्य करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की निर्विरोध चुनी गई 114 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक को 10 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री आज कांगड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र जवाली के कोटला में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस विचारधारा से जुड़े अधिकांश ग्राम पंचायत प्रधानों एवं पंचायत समिति सदस्यों को निर्वाचित करने के लिए राज्य के लोगों का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा, किन्नौर और हमीरपुर जिला परिषदों, जहां अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के पद भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को गए हैं, को छोड़कर अन्य सभी जिलों में जिला परिषद के शीर्ष पदों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार काबिज हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को पीछे से वार करने के बजाए राजनीतिक लड़ाई के लिए खुलकर सामने आने को कहा है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार भी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली का तरीका बिल्कुल अलग एवं शालीन था तथा उन्होंने कभी भी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को झूठे मामले बनाकर फंसाने का प्रयास नहीं किया।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि राज्य के भाजपा नेता उनके विरूद्ध किस प्रकार की नीति अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि जब कभी भी उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की, राज्य के लोग उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे और हमेशा साथ रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी विकास की बात सामने आई तो कांग्रेस पार्टी ने क्षेत्र को लेकर कभी भेदभाव पर विश्वास नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने राज्य के सभी क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क, शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों अथवा अन्य विकासात्मक कार्यों में संतुलन सुनिश्चित बनाया है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान कांगड़ा जिले में 8842 हैंडपंप स्थापित किए गए हैं, जबकि नूरपुर में 205 करोड़ रुपये की फिना सिंह सिंचाई योजना तथा इंदौरा में 180 करोड़ रुपये की छौंछ खड्ड तटीकरण योजना सहित 61 सिंचाई योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान जिले में 166 किलोमीटर नई सड़कें तथा 29 पुलों का निर्माण किया गया। कौशल विकास भत्ता योजना के अन्तर्गत जिले के 29,000 युवाओं को 20.71 करोड़ रुपये का कौशल विकास भत्ता प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरोन्नत करने, बग्गा में नया आयुर्वेदिक औषधालय खोलने, डेहर खड्ड, भेड खडड एवं कोटला-बाला पर पैदल पुल तथा कोटला-भडेड-जोलणा संपर्क सड़क की घोषणाएं की। उन्होंने कोटला के खेल परिसर में चार दिवारी लगाने तथा कोटला पुल से माता बगलामुखी मंदिर तक अलग पैदल रास्ते के निर्माण की घोषणाएं भी की। उन्होंने कोटला-शिमला बस मामले पर प्राथमिकता के आधार पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कोटला में 81 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले उप तहसील भवन की आधारशिला भी रखी।

मुख्य संसदीय सचिव नीरज भारती ने कहा कि कोटला क्षेत्र को विकास के मामले में भाजपा सरकार ने हमेशा ही नजरअंदाज किया, लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान इस विधानसभा क्षेत्र का तेजी से चहुंमुखी विकास हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष क्षेत्र की कुछ मांगे भी रखीं।

अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष चंद्र कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार जवाली विधानसभा क्षेत्र को एक आदर्श विधानसभा के तौर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार पेट्रोल और दालों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि अर्न्तराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल तथा डीजल की कीमत 35 रुपये प्रति बैरल, जो केवल 12 रुपये प्रति लीटर बनती है और पानी से भी सस्ता है, लेकिन एनडीए की सरकार पेट्रोल और दालों को सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा फ्रंट पर भी असफल रही है और इसी कारण हमने पठानकोट और दीनानगर में आतंकी हमले झेले हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पठानकोट आतंकी हमले में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सिहुंआ गांव शहीद संजीवन राणा के घर पहुंचकर परिजनों से भेंट की।

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