कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों बराबर की जिम्मेदार : डॉ. तंवर

शिमला: कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई(एम) के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पार्टी प्रत्याशी डॉ. कुलदीप सिंह तंवर प्रैस से मुखातिब हुए। डॉ. तंवर ने प्रैस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि इस बार कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की जनता रियासतों में नहीं बंटेगी बल्कि कांग्रेस और भाजपा से विकास का हिसाब मांगेगी। डॉ. तंवर ने कहा कि कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों बराबर की जिम्मेदार हैं।  माकपा प्रत्याशी ने कहा कि कसुम्पटी की 36 पंचायतों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और परिवहन की हालत प्रदेश की कई दुर्गम पंचायतों से भी बदतर है।

सड़कों को किसी भी क्षेत्र की जीवन रेखा कहा जाता है लेकिन इस क्षेत्र में सड़कें केवल लकीरें बनकर रह गई हैं। जो हर बरसात और सर्दी में मिट जाती हैं और लोग अपना पैसा लगाकर इन्हें हर साल ठीक करते हैं। 

डॉ. तंवर ने कहा कि खेद का विषय है कि राजनैतिक रैलियों की लिए बसें उपलब्ध हो जाती हैं, संभावित प्रत्याशी अपनी रैलियों के लिए लोगों को बसें लगाकर ढोते हैं लेकिन किसी ने भी इस क्षेत्र में लोगों के लिए बसें लगवाने के प्रयास नहीं किए बल्कि लगी हुई बसों को बंद करवाने का काम ज़रूर हुआ। डॉ. तंवर ने कहा कि कसुम्पटी का क्षेत्र संभवतः ऐसा क्षेत्र होगा जहां कोविड के बाद सबसे ज्यादा बस रूट बंद हुए हैं।

वहीं शिक्षा की हालत ऐसी है कि स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। अनेकों स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। 15-15 सालों से स्कूल में स्टाफ नहीं है। भाषा और शारीरिक शिक्षा के अध्यापक नहीं हैं। स्कूलों में विज्ञान और कॉमर्स विषय नहीं हैं। 

डॉ. तंवर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में हैं। कुछ अर्से पहले तक सिविल अस्पताल जुन्गा और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटी, जुन्गा में न तो टेस्ट होते थे और न ही स्टाफ था।

डॉ. तंवर ने कहा कि कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में पशुओं में लंपी रोग का भयंकर प्रकोप हुआ, कई पशु मर गए। एक-एक पशुपालक का हज़ारों-लाखों रुपए का नुकसान हुआ। उनकी आजीविका प्रभावित हुई। लेकिन कांग्रेस भाजपा के नेताओं ने पशुपालकों की मदद करने के बजाए उन्हें दो टूक जवाब दिया कि उनका काम ओबरे में जाना नहीं है।

कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र कि 6 पंचायतों के फोरेलेन प्रभावित लोग सर्कार के फेक्टर 2 के तहत चार गुणा मुआवज़े की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर कोई गौर नहीं कर रही। कोविड के दौरान किसानों पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ा है, उस पर भी सरकार मौन है। ग्रामीण और शहरी सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं और हादसों को निमंत्रण दे रही हैं।

डॉ. तंवर ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस मूलभूत सुविधाओं के लिए आवाज़ उठाने के बजाय लोगों को रस्साकसी और नाटियों में उलझने और उन्हें रियासतों के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही हैं।

माकपा प्रत्याशी ने कहा कि दोनों दल इस क्षेत्र के युवाओं कि शिक्षा और रोज़गार के प्रति ज़रा भी चिंतित नहीं हैं।  माकपा प्रत्याशी ने कहा कि इस बार कसुम्पटी की जनता इन खोखले और जनता को बांटने वाले नारों से भ्रमित होने वाली नहीं है। इस बार चुनावी दंगल विकास के मैदान पर लड़ा जाएगा।

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