मुख्यमंत्री जयराम ने यूक्रेन में फंसे छात्रों से की बात, दिया मदद का भरोसा..देखें वीडियो

शिमला:  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हिमाचलियों से बात की और उनका हाल जाना। सोमवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उन परिजनों और अभिभावकों से भी बात की जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में हैं और भारत आना चाहते हैं। स्वदेश लौट चुके कुछ हिमाचली छात्र भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में जुड़े जिन्होंने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए और कुछ सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री ने स्वदेश लौट चुके हिमाचलियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि जो बच्चे अभी भी मुश्किल हालात में फंसे हैं, वे सुरक्षित जगहों पर बने रहें, भारत सरकार उन्हें निकालने की व्यवस्था कर रही है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हिमाचल सरकार लगातार भारत सरकार के साथ मिलकर उन्हें स्वदेश लाने में जुटी हुई है, हालात में सुधार होने पर खार्किव जैसे यूक्रेन के उन क्षेत्रों से भी छात्रों को निकाला जाएगा, जहां पर इस समय जंग छिड़ी हुई है।

सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं पूरी हलचल पर नजर रखे हुए हैं और भारत सरकार के चार मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचे हुए हैं ताकि वहां आ रहे भारतीयों को स्वदेश लाया जा सके।

बंकरों में मौजूद छात्रों से बात

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जारी है और चार मार्च को बजट पेश किया जाना है। चुनावी साल के बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अभी जारी है। विभिन्न बैठकों के व्यस्त कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार यूक्रेन के हालात पर नजर बनाए हुए हैं और हिमाचली छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए केन्द्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं।

इसी कड़ी में सीएम ने सोमवार शाम पांच बजे के करीब यूक्रेन के विभिन्न शहरों में पढ़ाई या नौकरी कर रहे हिमाचलियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद किया। इस दौरान छात्रों ने मुख्यमंत्री को बताया बताया कि वे भीषण युद्ध की चपेट में फंसे यूक्रेन में किस तरह सुरक्षित रहने की कोशिश कर रहे हैं। कई छात्रों ने बताया कि वे बंकरों में हैं, कुछ अपने शिक्षण संस्थानों के हॉस्टल में हैं तो कुछ युद्धग्रस्त क्षेत्र से निकलकर देश के सुरक्षित हिस्सों में शरण ले चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने इन छात्रों की हिम्मत बढ़ाई और कहा कि भारत सरकार उन्हें निकालने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सीएम ने यह हिदायत भी दी कि छात्र भारतीय दूतावासों से संपर्क में रहें और वहां से निर्देश मिलने पर ही कहीं जाएं, अपने से किसी तरह का मूवमेंट करना खतरनाक हो सकता है। सीएम ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी ओर से जो भी सुझाव मिले हैं, उन्हें केन्द्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल सरकार भी लगातार आपसे संपर्क में रहेगी।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में वे अभिभावक भी जुड़े थे जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में हैं या फिर वहां से निकटवर्ती देशों में पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें हिम्मत दी और कहा कि एक पिता होने के नाते वह भी हालात को लेकर चिंतित हैं और भारत सरकार सभी को सुरक्षित लाने में जुटी हुई है।

अब तक 102 हिमाचली यूक्रेन से लौटे

24 फरवरी से लेकर अब तक 102 हिमाचली यूक्रेन से स्वदेश लौट चुके हैं। इनमें से कुछ हिमाचली वीडियो कॉन्फ्रेंस में जुड़े और भारत पहुंचने का अपना अनुभव साझा किया। यूक्रेन से दिल्ली पहुंचे धर्मशाला के कुनाल ने बताया कि भारतीय दूतावास ने एक गूगल फॉर्म जारी किया था जिसे भरने के बाद उन्हें निशुल्क हवाई मार्ग से भारत लाया गया।

हिमाचल सरकार के अब तक के कदम

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने यूक्रेन में हालत बिगड़ते ही वहां मौजूद हिमाचलियों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 को विशिष्ट हेल्पलाइन में तब्दील कर दिया गया था ताकि जिन लोगों के अपने यूक्रेन में हैं, वे उनकी जानकारी दर्ज करवा सकें।

इस तरह तुरंत सरकार के पास यह डेटाबेस तैयार हो गया कि कितने हिमाचली यूक्रेन में कहां पर हैं। इससे उनसे संपर्क करने और केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों को उन तक पहुंचाना और छात्रों का आपस में संपर्क करवाना सरल हो गया था।

हिमाचली छात्रों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने शिमला और दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है जो लगातार हर प्रगति की सूचना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दे रहे हैं।

 

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