टीकाकरण को प्राथमिकता देकर समय सीमा तय करें सरकार : रोहित ठाकुर

टीकाकरण को प्राथमिकता देकर समय सीमा तय करें सरकार : रोहित ठाकुर

  •  केंद्र सरकार बच्चों की वैक्सीन पर शीघ्र दे प्राथमिकता

शिमला: देश में कोरोना की दूसरी लहर में दुनिया भर के मुकाबले 45 प्रतिशत कोरोना संक्रमण के मामलें अकेले भारत में आएं हैं । देश के अन्य हिस्सों की तरह हिमाचल में भी शहरी क्षेत्रों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही हैं जो कि गम्भीर चिंता का विषय हैं। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने ज़ारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जहां प्रतिदिन आधिकारिक रूप से 4000 कोरोना पीड़ितों की मौतों के आंकड़े सामने आ रहे हैं वही सच्चाई यह भी हैं कि बड़े-2 राज्यो में ज़ारी आंकड़ो से 5 से 10 गुणा अधिक कोरोना पीड़ितों की मौतें हो रही हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार पिछले कोरोना प्रबंधन के कटु अनुभवों को देखते हुए भविष्य में महामारी पर अंकुश लगाने के लिए एक दूरगामी नीति लाएं और टीकाकरण को युद्धस्तर पर तय समय सीमा में करवाया जाएं। वैश्विक स्तर पर भारत बड़े वैक्सीन निर्माता में से एक होने के बावजूद भी वैक्सीन की उपलब्धता बारें केंद्र ने राज्य सरकारों को अँधेरे में रखा जिसके चलते टीकें का अभाव हो गया हैं और गत्त चार महीनों में पूरे देश में मात्र 2.3% प्रतिशत जनता को ही वैक्सीन की दोनों डोज मिल पाई हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसी गति से टीकाकरण होता रहा तो आधी आबादी को टीकाकरण करने में ढाई वर्ष लग जाएंगे । रोहित ठाकुर ने कहा कि शोधकर्ताओं का मानना हैं कि यदि तीसरी लहर आती हैं तो इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। देश मे अभी तक बच्चों के कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की ही मंजूरी ही मिल पाई हैं जबकि दूसरे कई देशों ने वैक्सीन लगाना भी शुरू कर दिया हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को शीघ्र बच्चों की वैक्सीन बारें प्राथमिकता देनी चाहिए। भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) पर अन्य विकासशील देशों की सहायता से दबाव बनाना चाहिए जिससे कोरोना वैक्सीन पैटेंट प्रावधानों से मुक्त हो सकें ताकि ये देश भी बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर सस्ती दरों में वैक्सीन आसानी से उपलब्ध करा सकें अन्यथा कोरोना वैक्सीन केवल अमीर देशों की पहुँच तक ही सीमित रह जायेगी। केंद्र सरकार ने बजट में प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए इस वर्ष भी मात्र 2% बजट का प्रावधान रखा गया हैं जो ऊंट के मुँह में ज़ीरा हैं। वैक्सीन टीकाकरण का सारा खर्च केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए और यदि केंद्र सरकार हाथ खड़े करती है उस स्थिति में एक ही मूल्य पर केंद्र और प्रदेश को वैक्सीन मिले। राज्य सरकारों को ऋण लेकर व अपने सीमित साधनों से कोरोना वैक्सीन ख़रीदनी पड़ रही हैं जबकि केंद्र सरकार ने बजट में 35000 करोड़ रुपए वैक्सीन के लिए प्रावधान होने की बात कही थी जिस पर केंद्र अब चुप्पी साधे हुए हैं। प्रदेश सरकार टीकों का प्रबंध कर 70% टीकाकरण इस वर्ष सुनिश्चित करें। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को राजस्थान की तर्ज पर अन्य निधियों और खर्चो में कटौती कर टीकाकरण पर खर्च करने का निर्णय लेना चाहिए ताकि इस कार्य के लिए धन का अभाव ना रहें। देश में कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। उन्होंने इस आपदा में न्यायालय के हस्तक्षेप का स्वागत किया व सरकार के कुप्रबंधन और नाकामियों के चलते न्यायालय को यहां तक ऑक्सीजन के प्रबंध व वितरण का कार्य अपने हाथों मे लेना पड़ा हैं। केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष भी 162 ऑक्सीजन प्लांट की घोषणा की गई थी जिसमें अभी तक केवल 11 प्लांट ही लग पाए और उसमें भी सिर्फ तीन ही फंक्शनल हो पाए हैं यह सरकार की लचर प्रणाली को दर्शाता है। केंद्र को वैक्सीन,चिकित्सा उपकरणों व जीवन रक्षक दवाइयों को टैक्स के दायरे से बाहर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पीएम केयर फण्ड के तहत विभिन्न राज्यों को दिए गए अधिकतर वेंटीलेटर ख़राब पाएं गए, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र से मिलें 250 वेंटीलेटर वापिस भेजने पर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। कोरोना टीकाकरण के पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए थी उन्होंने कहा कि हिमाचल में 18- 44 वर्ष की आयु वर्ग की जनसंख्या 32 लाख है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कोरोना पीड़ितों और परिवारजनों की हरसंभव मदद करने की अपील की है । हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का अभी Peak पर आना बाक़ी हैं। रोहित ठाकुर ने जनता से सरकार द्वारा समय-समय पर ज़ारी दिशनिर्देशों और ज़रूरी एहतियात बरतने की भी अपील की हैं। उन्होंने कहा कि दाह-संस्कार में जुटे हुए स्थानीय व शहरी निकाय के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कोरोना यौद्धा घोषित किया जाएं । रोहित ठाकुर ने स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले कोरोना योद्धाओं के अथक प्रयासों और कड़ी तपस्या की सराहना करते हुए कहा कि समाज इनकी सेवाओं का हमेशा ऋणी रहेगा।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *