वैश्विक आपदा के कठिन समय में समस्या नहीं समाधान बनिए : प्रो.धूमल

  • महामारी के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देख पूर्व मुख्यमंत्री ने सावधानी बरतने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की

  • लापरवाह होने, भीड़ इकट्ठी करने, कोविड सुरक्षा नियमों का पालना ना करने और व्यवस्थाओं को कोसने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने दिखाई नाराजगी

हमीरपुर : सारा विश्व आज कोरोना महामारी से जूझ रहा है। विश्व का कोई भी देश इस बीमारी से अछूता नहीं रहा और न ही किसी देश को इस बीमारी ने प्रभावित किये बगैर छोड़ा है। देश, पार्टी, पहचान और वर्ग विशेष का भेदभाव किए बिना इस महामारी ने सबको किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। लेकिन वैश्विक आपदा के इस कठिन समय में भी कुछ लोग कोरोना महामारी को बहुत हल्के में ले कर इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। सयुंक्त प्रयास के बिना कोविड 19 के विरुद्ध लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रहना ही कोरोना को रोकने का सबसे बढ़िया समाधान है। लेकिन मास्क न पहन कर, चेहरे और हाथों की स्वच्छता न अपना कर , समाजिक दूरी न रख कर और वैक्सिनेशन न करवाकर हम समाधान नहीं बल्कि समाज और मानव जाति के लिए समस्या बन रहे हैं, जबकि महामारी के प्रकोप के कठिन समय मे हमें समस्या नहीं समाधान बनना चाहिए। महामारी की दूसरी लहर के बढ़ते संक्रमण के खतरे को भांपते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल ने लोगों से सावधान होने की अपील करते हुए यह बात कही है।

प्रोफेसर धूमल ने कहा कि यह सच है कि इससे पहले भी विश्व में मानव जाति पर संकट छाया, महामारियां फैली, उनका सामना कर उनके विरुद्ध लड़ाई भी जीती गयी। आज भी देश, सरकारें, कोरोना वीर, प्रशासन समाजसेवी संस्थाएं लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन यह सब तब बेकार साबित हो जाता है जब अनावश्यक रूप से भीड़भाड़ जुटा कर, कोविड नियमों की अनदेखी कर, इस महामारी के संक्रमण को बढ़ने का अवसर बना दिया जाता है। समय और परिस्थितियों को देखते हुए हमें बहुत सारी जगहों पर बहुत सारे कार्यों में धैर्य संयम और विवेक से व्यवहार करना चाहिए। हमारी थोड़ी सी लापरवाही , छोटी सी गलती , नासमझी या अधीरता समाज के कितने बड़े वर्ग तक कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती है इस बात को हमें समझना होगा। यह वक्त न केवल खुद संभलने और सावधान होने का है बल्कि अपने आसपास अपनी जान पहचान के लोगों को जागरूक कर, उन्हें भी कोरोना महामारी के संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करने का है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी महामारी बताकर नहीं आती और ना ही कोई व्यक्ति विशेष किसी आने वाली महामारी के स्वरूप की पहले से कल्पना कर सकता है, इसलिए सरकार प्रशासन व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य कर्मियों व सुविधाओं को कोसना बंद करें और इस कठिन दौर में समाज व मनुष्य जाति के प्रति अपनी जवाबदेही समझते हुए बुद्धिमता का प्रयोग कर कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। संक्रमण को बढ़ने से रोकने हेतु बताए गए हर नियम व शर्त का अच्छे तरीके से गंभीरता पूर्वक पालन करें। मास्क पहनें, हाथों और चेहरे की स्वच्छता को अपनाएं , समाजिक दूरी की कड़ाई से पालना करें और वैक्सीनेशन करवाएं। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, भीड़ इकट्ठी भी ना करवाएं , यदि कोई काम कम लोगों की उपस्थिति में हो सकने का हो तो उसमें अनावश्यक रूप से ज्यादा लोग ना इकट्ठे करें। और याद रखें यदि हम स्वयं सुरक्षित रहेंगे तभी यह देश समाज और मनुष्य जाति सुरक्षित रह सकती है।

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