रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में संस्कार भारती ने किये विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

शिमला: ऐतिहासिक गेयटी परिसर शिमला में अयोध्या में हुए श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त संस्कार भारती हिमाचल प्रदेश द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रातः 11बजे से लेकर शाम 7.30 बजे तक मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी के जीवन पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें 10 चित्रकारों द्वारा चित्रों का सृजन, अयोध्या मंदिर का रंगोली चित्रण, राम जीवन पर आधारित नाटिका का आयोजन, कथक नृत्य की अलग-अलग प्रस्तुतियां, ऋषिकेश से आए एक म्यूजिकल ग्रुप द्वारा आरकेस्ट्रा, श्री राम मंदिर के निमित्त 1992 में अयोध्या जी गए कार सेवकों को सम्मानित करना, संध्याकाल में महामहिम राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी द्वारा 5100 दीप प्रज्वलित उत्सव ।
इस अवसर पर संस्कार भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नन्द लाल ठाकुर तथा प्रदेश के महामंत्री आचार्य विजय जी द्वारा दिन भर के कार्यक्रमों में मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया।
संध्याकालीन कार्यक्रम में डॉ नन्द लाल ठाकुर ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज मानव सभ्यता और सनातन संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। 500 वर्षों के एक लंबे अंतराल के उपरांत कला मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामलला अपनी जन्मभूमि पर, श्री अयोध्या धाम में पुनर्निर्मित भव्य एवं दिव्य मंदिर में विराजे है। लम्बे समय के बाद भारतीय समाज में वह पावन घड़ी हम साक्षी बने हैं। जिसका हमारे पुरखों ने सदियों से लम्बा इन्तजार किया।
उनके पश्चात हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल जी द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं जिन्हें इस दिव्य उत्सव का साक्षी बनने का अवसर मिला है। पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे पुरखों ने इस शुभ घड़ी का निरन्तर इन्तजार किया है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि प्रभु श्री राम भारतीय समाज के लिए मात्र एक पूज्य देव या भगवान ही नहीं अपितु एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन है।
कला मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम अपने आप में स्वयं एक सम्पूर्ण सभ्यता और संस्कृति है। चरित्र, न्याय, नीति, धर्म, मर्यादा, आस्था, विश्वास, स्नेह, करुणा, श्रद्धा, एकाग्रता, मातृ – पितृ भक्ति ,भ्रातृ प्रेम , जनकल्याणकारी शासक और सहृदय पिता और पुत्र तथा गुरुपरायण शिष्य आदि की प्रतिमूर्ति होने के साथ – साथ प्रभु राम सरलता, सहजता, विनम्रता, कोमलता, सामाजिक समरसता और अदब के भी सम्वाहक है। उन्होंने बताया कि वे कभी स्वंय एक कार सेवक के रूप में अयोध्या जी गए थे और आज हम सभी को प्रभू श्री राम जी के अपने गर्भ गृह में स्थापित होने के पश्चात दर्शनं करने को मिलेंगे। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि आज समाज में जिस प्रकार का सांस्कृतिक प्रदूषण बढ़ रहा है उससे बचने की और प्रभू श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेकर अपनी संस्कृति को संरक्षण एवं संवर्धन देने की आवश्यकता है। वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा सांस्कृतिक विकास के साथ साथ सामाजिक एवं आर्थिक विकास बहुत तेजी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भारत की विकास दर चल रही है अब लगता है कि वर्ष 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम संयोजक तथा शिमला के केशव नगर के संघ चालक श्री लोकेश सूद जी द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों तथा शिमला की प्रबुद्ध जनता का धन्यवाद किया गया।

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