चंद पंक्तियाँ मीना कौंडल की कलम से…दिग्गज नेता श्री वीरभद्र सिंह जी के नाम बिना कुछ कहे ही तुम ऐसे कैसे चले गये आँखों से ओझल होकर तुम आज कहाँ चले गये ना...