भारत के संविधान का विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्थान :डा.जे.एन.बारोवालिया,

शिमला: संविधान दिवस के अवसर पर उपायुक्त कार्यालय में आज कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें संविधान के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा.जे.एन.बारोवालिया, प्रधान सचिव (विधि) ने कहा कि भारत के संविधान को विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है, जिसका सम्पूर्ण श्रेय संविधान निर्माता डा.बी.आर. अम्बेडर को जाता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन डा. अम्बेडकर को श्रृद्धांजलि देने का है जिनके अथक प्रयासो से हमें संविधान की उत्कृष्ठ कृति प्राप्त हुई।

बारोवालिया ने भारत के संविधान की उदेद्शिका पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि संविधान निर्माण करते समय समाज के प्रत्येक वर्ग के हितों की रक्षा को ध्यान में रखा गया है। यही कारण है कि भारत में अनेक धर्म, भाषा व जातियों का समावेश होने के बावजूद भी लोकतंत्र सफल रहा है। अनेकता में एकता संविधान का ही परिणाम है।

प्रधान सचिव (विधि) ने संविधान में दर्शाये गए हर नागरिक के देश के प्रति दायित्वों पर चर्चा करते हुए बताया कि सरकारी सम्पति की सुरक्षा करना व सरकारी सम्पति को नुकसान पहुँचाने वाले को रोकना, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। सार्वजनिक सामाजिक विकासकार्यो में उपयोग में किए जाने वाले पदार्थाे की गुणवत्ता व कार्यशैेली को परखना भी हम सभी का नैतिक कर्तव्य बनता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में मनुष्य अपने परिवार, धर्म, जाति तक ही सीमित हो गया है। उन्होंने बताया कि संविधान में समाज के किसी भी वर्ग, समुदाय या जाति के अधिकारों का हनन होने पर, उसे न्याय दिलाने के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा केवल वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जो अनुसूचित जाति / जनजाति, विकलांग, पिछड़े वर्ग, का हो। ऐसा व्यक्ति जिसकी आय एक लाख से कम हो, नाबालिक नागरिक या कोई भी महिला भी इस सुविधा के लिए पात्र है।

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोट्रोकॉल जी.सी.नेगी ने सभा में उपस्थित समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को भारत के संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। सहायक आयुक्त ईशा ठाकुर ने प्रधान सचिव (विधि) द्वारा संविधान बारे अत्यन्त महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए आभार प्रकट किया।

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