धर्मशाला: स्वास्थ्य निदेशालय और टांडा अस्पताल प्रशासन को 6.47 लाख जुर्माना

धर्मशाला: उपभोक्ता संरक्षण आयोग कांगड़ा ने चार लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने के मामले में स्वास्थ्य निदेशालय और टांडा अस्पताल प्रशासन को 6.47 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पीड़ितों को यह राशि वर्ष 2018 से सात फीसदी ब्याज दर के साथ लौटानी होगी। यह फैसला उपभोक्ता संरक्षण आयोग कांगड़ा की अदालत में अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा, सदस्य नारायण ठाकुर व आरती सूद ने सुनाया। 

 2016 में डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में आंखों का आपरेशन करवाने के बाद चार लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने मामले को लेकर शनिवार को उपभोक्ता आयोग की अदालत फैसला सुनाया। केस को लेकर दोनों की पक्षों की ओर से जरूरी दस्तावेज एवं गवाह पहले ही पेश किए जा चुके थे, जबकि आयोग के सदस्यों ने भी अपने स्तर पर मामले की छानबीन की।

पीड़ितों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता एमजी ठाकुर ने बताया कि 14 दिसंबर, 2016 को जिला कांगड़ा के त्रिलोक कुमार निवासी नगरोटा बगवां, गीता देवी निवासी डाडासीबा, इच्छया देवी निवासी सोलहदा और शशि पाल निवासी जवाली ने मोतियाबिंद के चलते दिसंबर 2016 को टांडा अस्पताल में अपनी एक-एक आंख का ऑपरेशन करवाया था। उसके बाद इन चारों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। छानबीन में पाया गया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन तो सही तरीके से किया था, लेकिन ऑपरेशन थियेटर में ही संक्रमण था, जो उपकरणों के माध्यम से मरीजों की आंखों में पहुंच गया। पीड़ितों ने 2018 में उपभोक्ता संरक्षण आयोग कांगड़ा में मामला दर्ज कराया था। उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने पीड़ित त्रिलोक चंद, गीता देवी और शशि पाल को 1.35 लाख रुपये (प्रत्येक) 2018 से अब तक सात फीसदी ब्याज दर के साथ जुर्माना और 15-15 हजार रुपये शिकायत शुल्क देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इच्छया देवी को 2.42 लाख रुपये सात फीसदी ब्याज सहित और 1.20 लाख रुपये मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। इच्छया देवी की संक्रमण से दोनों आंखों खराब हो गई थीं। त्रिलोक चंद की मृत्यु हो चुकी है, इसके चलते उनकी राशि उनके बेटों को दी जाएगी। पीड़ितों को यह राशि टांडा प्रशासन और स्वास्थ्य निदेशालय देगा।

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