प्रदेश में बनने वाली दवाओं के बार-बार सैंपल फेल होने से हिमाचल की साख पर लग रहा बट्टा : राठौर

शिमला: कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आये दिनों प्रदेश में बनने वाली दवाओं के सैंपल फेल होने पर हैरानी जताते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है।उन्होंने इसे लोगों के जीवन के साथ एक बड़ा खिलवाड़ बताते हुए दोषी निर्माता कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।उन्होंने कहा है कि दवाइयों की गुणवत्ता से कभी कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

राठौर ने कहा है कि प्रदेश में बनने वाली दवाओं की निम्न गुणवत्ता से साफ है कि प्रदेश में सरकार और दवा नियंत्रक सही ढंग से अपना दायित्व नहीं निभा रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनने वाली दवाओं के बार बार सैम्पल फेल होने से प्रदेश की साख पर भी बट्टा लग रहा है, जो बहुत ही चिंता का विषय है।

राठौर ने कहा कि प्रदेश दवा निर्माण में देश के सर्वोच्च शिखर में है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने दवा निर्माण कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन देते हुए इनकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।उन्होंने कहा कि आज भाजपा सरकार की उपेक्षा के चलते दवा निर्माण कंपिनयों पर संकट के बादल छाए हुए हैं।

राठौर ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार आज  अधिकतर उन दवाओं के सैम्पल फेल हो रहें है जो लोगों के जीवन रक्षा के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसमें हार्ट रोग,उच्च रक्तचाप, गैस्ट्रिक जैसी महत्वपूर्ण दवाएं है जो आज अधिकतर लोग दैनिक उपयोग करते है,ऐसे में इन दवाओं की गुणवत्ता पर कड़ी नज़र रखने की बहुत ही जरूरत है जिससे लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सकें।उन्होंने सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता की जांच की मांग भी की है।

राठौर ने सरकार से आवश्यक दवाओं की गुणवत्ता और इनके मूल्यों पर कड़ी  नजर रखने  की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि जनहित में हार्ट,उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी दवाओं के मूल्यों में कटौती करने की बहुत ही जरूरत है क्योंकि इनके मूल्य अब आम लोगों की पहुंच से बाहर होते जा रहें है।

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