चार साल चरम पर रहा प्रदेश में भ्रष्टाचार, सरकार मना रही जश्न : राठौर

भाजपा के जश्न पर शिमला कांग्रेस ने मनाया विरोध दिवस

शिमला: प्रदेश की जयराम सरकार के 4 साल पूरे होने पर मण्डी में भव्य रैली का आयोजित की गई। जिसमें मुख्य रूप से शिरकत करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस इस दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाया और प्रदेश भर में जिला स्तर पर उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे।

शिमला में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता राजभवन पहुंचे और राजभवन के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राज्यपाल को उनके स्टाफ के जरिए ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश की जयराम सरकार हर क्षेत्र में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है। और ऐसे में इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा के आज चार साल पूरे हुए हैं और दावा किया जा रहा है कि चार वर्षों में हिमाचल शिखर की ओर आया है लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश शिखर से धरातल की तरफ आ गया है। उन्होंने आरोप लगाए कि जयराम सरकार में कोई विकास नहीं हुआ है, जो वादे भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में किए थे उसमें से एक वादा भी पूरा नहीं हुआ है। कांग्रेस के समय शुरू हुए कार्यों के फीते ही ये सरकार काटती आई है। इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और ये सरकार जश्न मना रही है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जश्न के लिए सरकारी योजनाओं के लाभर्थियों और कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए परिवहन निगम की दो हजार बसें लगाई गईं हैं लेकिन आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, आम लोग सड़कों पर बसों का इंतजार कर रहे हैं।

राठौर ने प्रदेश में ओमीक्रोन की दस्तक पर भी चिंता जताते हुए कहा है कि सरकार पहले कोरोना से निपटने में असफल रही। अब ओमीक्रोन की दस्तक से वह कैसे निपटती है यह देखना होगा। उन्होंने कहा कि देश में एक तरफ ओमीक्रोन के मामले सामने आ रहे हैं और मंडी में भी एक मामला सामने आया है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार हजारों की भीड़ एकत्रित कर रही है। सरकार कोरोना को लेकर दोहरे मापदंड अपना रही है।

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आज प्रदेश भाजपा सरकार के चार साल की विफलताओं के खिलाफ एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा।इस ज्ञापन में सरकार के चार साल में उसकी विफलताओं के साथ साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।उन्होंने राज्यपाल से ज्ञापन में लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की गुहार लगाते हुए कहा है कि वर्तमान भाजपा सरकार ने चुनावों में किये गए अपने किसी भी वायदे को पूरा नहीं किया है।इस दौरान उनके साथ शिमला जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहरी जितेंद्र चौधरी व ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा,प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल सहित पार्टी के अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।

  • ज्ञापन में आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते मूल्यों के साथ साथ कोरोना काल में टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा के क्षेत्र भूरी तरह प्रभावित हुए, जिसकी ओर सरकार ने न तो कोई ध्यान ही दिया और न ही कोई राहत ही दी।युवाओं को बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है।सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया।इसी तरह प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गई है।नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है।

  • ज्ञापन में इंवेस्टरमीट की विफलता को लेकर करोड़ों रुपए खर्च करने और अब दूसरे दौर में 28,197 करोड़ के निवेश को भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसा बताया है।

  • प्रदेश सरकार आद्योगिक विकास के लिए कोई भी केद्रीय पैकेज लाने में विफल रही है।बड़े प्रोजेक्ट्स की स्वीकृति को एनओसी की बाध्यता खत्म करने व 118 के नियम को लचीला करने से साफ है कि हिमाचल एक बार फिर से ऑन सेल पर चल पड़ा  है।

  • प्रदेश सरकार अपने इस कार्यकाल में रेल विस्तार व एयर सम्पर्क बढ़ाने में भी असफल रही है।इसी तरह किसानों व बागवानों के हितों की पूरी तरह अनदेखी की गई है। बागवानी का 1134 करोड़ का प्रोजेक्ट जो पूर्व कांग्रेस सरकार ने लाया था,उसे स्थापित करने में भी सरकार नाकाम रही है।प्रदेश में पीडीएस सिस्टम फेल होता जा रहा है।

  • प्रदेश में चार उप चुनावों में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री बगैर किसी बजट प्रावधान के घोषणाएं कर रहे हैं।सरकार अपना घाटा पूरा करने के कोई उपाय नहीं कर रही है और अपने खर्च चलाने के लिए कर्ज पर कर्ज ले रही है।

  • ज्ञापन में भू-घोटाला,एक मंत्री के परिवार पर  400 कनाल भूमि खरीद का मामला,स्वास्थ्य उपकरणों में खरीद घोटाला,मेडिसिन खरीद घोटाला, सेनेटाइजर घोटाला,पीपीई खरीद घोटाले के अतिरिक्त किसान सम्मान निधि में घोटाला, जंगल,मानींग,शराब,टेंडर,सरकारी नोकरियों को बेचना व नकली व घटिया दवाओं के  माफिया को सरंक्षण जैसे गम्भीर आरोप लगाए गए हैं।

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