बढ़ता नशा युवाओं को अपनी चपेट में लेता जा रहा और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है : राठौर

सरकार और आपदा प्रबंधन के बीच कोई भी तालमेल नहीं : राठौर

  • राठौर बोले: भारी बारिश के चलते, बादल फटने व बाढ़ से निपटने के कोई भी पुख्ता इंतजाम न तो सरकार के पास ही हैं और न ही आपदा प्रबंधन के पास कोई उपाय

शिमला: कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में आपदा प्रबंधन को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा है कि सरकार और आपदा प्रबंधन के बीच कोई भी तालमेल नहीं है। भारी बारिश के चलते, बादल फटने व बाढ़ से निपटने के कोई भी पुख्ता इंतजाम न तो सरकार के पास ही है और न ही आपदा प्रबंधन के पास कोई उपाय। प्रदेश में आपदा प्रबंधन सफेद हाथी साबित हो रहा है,जिस पर सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है।
किन्नौर जिला के नयुगलसेरी के पहाड़ दरकने से हुए जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कुलदीप राठौर ने कहा कि आये दिनों भारी बारिश के चलते पहाड़ दरक कर सड़कों में गिर रहें है। पिछले दिनों सिरमौर में भी ऐसी ही पहाड़ी दरकी पर गनीमत रही कि वहां जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ पर किन्नौर के नयुगलसेरी में हुए इस हादसे में अभी तक 14 लोगों की मृत्यों बहुत ही दुखदर्द है। उन्होंने इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मओं की शांति की प्रार्थना भगवान से की है।
उन्होंने कहा कि लोकनिर्माण विभाग समय समय पर सड़कों के आसपास, विशेष तौर पर जहां पहाड़ों से मलवा नीचे आ रहा होता है या सड़क धस रही होती है वहां उसे मार्क कर खतरे के प्रति आगह किया जाता है, पर अब ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने इस दुर्घटना के लिये पूरी तरह लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली को दोषी ठहराया है।
राठौर ने कहा कि नयुगलसेरी में यह दुर्घटना दोपहर 12.30 बजे होती है पर जिला प्रशासन का आपदा बल की मशीनरी घटनास्थल पर 5 बजे के बाद पंहुचती है,जबकि आईटीवीपी और एनडीआरएफ के जवानों ने राहत कार्यो को पूरी तत्परता से किया।
राठौड़ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान का तुरंत आकलन किया जाना चाहिए और प्रभावित लोगों को उनके नुकसान की भरपाई भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बरसात में सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है,इसके पुनः निर्माण के लिये केंद्र से विशेष आर्थिक मदद की मांग की जानी चाहिए।

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