- रखें… सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस)
कोरोना वायरस का खौफ विश्वभर में देखा जा रहा है। कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े बताते हैं कि ये वाकये ही गंभीर और खतरनाक संक्रमण है। इसके प्रसार को रोकने के लिए देश में सरकार और प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को बार-बार जागरूक किया जा रहा है। सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों को एहतियात बरतने और सहयोग करने की अपील की जा रही है।
देश के सभी राज्यों की सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों से सहयोग का आग्रह किया जा रहा है ‘सामाजिक दूरी’ रखें। बीमारी किसी को भी हो सकती है। इसे छिपाने की जरूरत नहीं है। ना खुद और ना ही परिवार तथा समाज में रहने वाले लोगों की जान को खतरे में डालें। सरकार और प्रशासन को देश का हर नागरिक सहयोग दे।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश भर के स्कूल, मेले या दूसरी तरह के सभी सामूहिक आयोजनों, मदिरों, पर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों, बसों, ट्रेनों को बंद किया जा रहा है। वहीं लोगों से अगर जरूरी न हो तो घरों में ही रहने का आह्वान किया जा रहा है। इसे समझना हम सबके लिए बहुत
आवश्यक भी है क्योंकि इसके खतरनाक परिणाम हमारे सामने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने संदेश में कहा, “इस रविवार, यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ़्यू का पालन करना है। हमारा ये प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ़्यू की सफलता इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज़ से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस वक्त पूरा देश खड़ा है। यहां पक्ष-विपक्ष नहीं बल्कि सब एक-साथ इस महामारी से अपने देश के हर नागिरक की सुरक्षा की कवायद में एक-साथ मिलकर काम कर रहे हैं। काफी लोगों व संस्थाओं द्वारा जरूरतमंदों को मास्क और सैनेटाईजर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। लोगों को बार-बार जागरूक किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके भी कुछ लोगों द्वारा इस कोरोना संक्रमण को मजाक में टाला जा रहा है, लोगों द्वारा इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। जबकि बड़े-बड़े विकसित देशों के परिणाम हमारे सामने हैं।
हमारे देश में भी सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) कोरोना के संक्रमण को रोकने का पहला कदम होना चाहिए था, लेकिन यह काफी देर बाद लिया गया निर्णय है। बाहर से आने वाले लोगों द्वारा सहयोग न मिलने से आज हमारे देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 322 तक पहुंच गई है। जाहिर है कि अभी तक भी लोग इस के प्रति ना जागरूक हैं ना गंभीर, जोकि बहुत शर्मनाक है।
इसकी सबसे बड़ी और अहम बात यह है कि लोगों के सहयोग न मिलने से ये संक्रमण गंभीर रूप लेकर तेजी से फ़ैल रहा है। जिससे संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना वायरस के संदिग्धों को राज्य भर से जांच के लिए रिम्स भेजा जा रहा है। ऐसे संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होकर सैंपल देने के बाद अस्पताल प्रबंधन को बगैर सूचना दिए भाग रहे हैं। ऐसे भागने वाले संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनसे संपर्क में आने वालों के लिए भी यह भी बहुत खतरनाक हो सकता है और हो भी रहा है।
ऐसे हालात होने के बावजूद भी कुछ लोग इस खतरनाक बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं! लोग अपनी जिदंगी के साथ-साथ अपने परिवार, दोस्तों और अपने आस-पास के लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर जहाँ पूरा विश्व जूझ रहा है वहीं भारत में रोज लोगों को टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया द्वारा जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके देश लौट रहे लोग इस खतरनाक बीमारी से खुद के साथ-साथ अपने परिवार और दूसरे लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे। जरूरी है कि संक्रमण से बचाव के लिए परस्पर सहयोग प्रदान करें तथा विदेशों से आने वाले लोगों की जानकारी को छिपाए नहीं तुरन्त सूचित करें। विदेश से वापिस आने वाले व्यक्ति के संबंध में तुरन्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी अथवा जिला निगरानी अधिकारी अथवा क्षेत्र के एसएचओ या संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी में से किसी एक को अवश्य सूचना प्रदान करें।
प्रधानमंत्री के वीरवार रात दिये गये संदेश में यह बात कहीं न कहीं छिपी है कि इस बीमारी से सरकार जनता के सहयोग के बिना नहीं लड़ सकती। कोरोना से लड़ने की कोशिश में उन्हें जनता की भागीदारी चाहिए।
कोरोना से अब तक 10 हजार 80 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में अब तक ढाई लाख लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। जबकि इटली में कोरोना के कहर से शुक्रवार को यानि पिछले कल 627 लोगों की मौत हुई। इटली में अब तक 4 हजार लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है, जबकि करीब 36 हजार लोग कोरोना से प्रभावित हैं। वहीं फ्रांस में कोरोना से 24 घंटे में 78 लोगों की मौत, जबकि फ्रांस में कोरोना से कुल 450 लोगों की की मौत हो चुकी है।
भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) के लगभग 322 मामलों की पुष्टि हो गई है। इस खतरनाक वायरस से देश में 4 लोगों की मौत हुई है।
अगर हम अब भी सचेत और सतर्क नहीं हुए तो यह खतरा भारत के लिए बहुत खौफनाक रूप में सामने आ सकता है। आवश्यकता है सबको संयम बरतने और सरकार तथा प्रशासन के आदेशों का पालन करने की। बिना आश्यकता के घर से बाहर न जाएं। सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) रखें और दूसरों को भी इसमें सहयोग करने की सलाह दें। बाहरी देशों से जो लोग भारत आये हैं नियमों के तहत कर्तव्यों का पालन करें।
जय हिन्द, जय भारत