अंबिका/शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा व लोकप्रिय बनाने के लिए ग्रिड से जुडे सोलर रूफटॉप का 10 मेगावाट लक्ष्य फरवरी 2020 तक निर्धारित किया है। आम लोग अपनी बिजली स्वयं पैदा कर सकें और राज्य में सौर ऊर्जा का तीव्र दोहन हो सके। पहले ग्रिड से जुडे़ सोलर रूफ टॉप 0 से 10 किलोवाट की कीमत 61 हजार रुपए प्रति किलोवाट थी, जो अब 53 हजार 150 प्रति किलोवाट हो गई है। हिमऊर्जा के मुताबिक नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 70 प्रतिशत और राज्य सरकार की तरफ से 4 हजार रुपए प्रति किलोवाट हिमऊर्जा के माध्यम से सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार की सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में जमा होगी। जबकि नेट मीटरिंग का खर्च अलग से देय होगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमऊर्जा कृतिका कुलहरी ने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड अतिरिक्त उत्पादित ऊर्जा को राज्य नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर पर खरीदेगा।
नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा घरेलू उपयोग के लिए 8 मेगावाट क्षमता हिमऊर्जा को दिसंबर, 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हिमऊर्जा ने अभी 3858 किलोवाट क्षमता के ग्रिड से जुडे़ सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर दी है। अतः इच्छुक उपभोक्ता षीघ्र अपना आवेदन अपने जिला के परियोजना अधिकारी, हिमऊर्जा को कर सकते हैं या हिमऊर्जा के ऑनलाईन पोर्टल व बैबसाईट www.himurja.gov.in पर भी आवेदन कर सकते हैं।