कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति कश्मीरी आंतकवादियों के पक्ष में : जयराम ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की “राष्ट्रीय सुरक्षा नीति“ कश्मीर के जिहादी आंतकवादियों के पक्ष में खड़ी दिखती है। संसद पर हमले के मुजरिम अफजल गुरू, सेना को पत्थर मारने वालों और बुरहान वानी जैसे खतरानाक आंतकवादियों से निपटने के तरीकों के बारे में यह दस्तावेज़ खामोश है। कश्मीर के हालात और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर यह दस्तावेज कांग्रेस के बौद्धिक दीवालिएपन को उजागर करता है। यह बात उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। जयराम ठाकुर ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने पाकिस्तानी कब्जे़ वाले कश्मीर में सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने को झूठ बताया था। जबकि पूरी दुनिया ने माना था कि सेना ने वहां घुस कर आंतकवादियों के अड्डे तबाह किए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज भी मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने जब पाकिस्तान के बालाकोट कस्बे में जिहादी आंतकवादियों के अड्डे नष्ट किए तब भी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी भारतीय सेना की बजाय पाकिस्तान के समर्थन में दिखाई दी। आज तक राहुल गांधी ने यह नहीं माना है कि भारतीय वायुसेना ने इतने बड़े पराक्रम वाली कार्रवाई को अंजाम दिया था। उनका कहना है कि इसी संर्दभ में कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति भारतीय सेनाओं के पराक्रम का मज़ाक उड़ाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का सुरक्षा दस्तावेज कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए युद्ध के बारे में भी कुछ नहीं कहता। इसमें कहीं कोई ऐसा उपाय नहीं बताया गया है जिससे पता चले की कांग्रेस आंतकवाद के खात्मे को लेकर क्या सोचती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दस्तावेज में कश्मीर समस्या के खतरनाक पहलुओं की पहचान करने की कोशिश तक नहीं की गई है।

जयराम ठाकुर के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के दस्तावेज में कहा गया है कि “सर्जिकल स्ट्राइक“ और “एरियल स्ट्राइक“ से पाकिस्तान के भारत के प्रति बर्ताव में बदलाव नहीं आएगा। इससे पहले कांग्रेस भारतीय सेनाओं की इस तरह की किसी भी कार्रवाई को मानने से इन्कार करती रही है। दस्तावेज भी पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने की बात भी कही गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दस्तावेज में बौद्धिक दीवालियापन राहुल गांधी की समझ से मेल खाता है।

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