- वायु गुणवत्ता एवं टीबी रोग आंकलन कार्यशाला
नौणी: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर को डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पर्यावरण विज्ञान विभाग के साइन्सदानों ने सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,कोठी देओरा के छात्रों के साथ बड़े ही उत्साहपूर्ण तरीके से मनाया। इस कार्यक्रम में समस्त स्कूल स्टाफ, बच्चों, पंचायत प्रतिनिधि और गाँव वासियों ने भाग लिया।
इस मौके पर पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार भारद्वाज ने बताया कि इस साल के पर्यावरण दिवस का विषय ‘प्लास्टिक प्रदूषण को मात देना’ है। विभाग के साइन्सदानों अपूर्वा शर्मा, शिवानी, लाल रींजुयाली एवं पब्लिक हैल्थ स्पेशलिस्ट डॉ.अजय ने जल, वायु एवं मिट्टी में हो रहे विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के बारे में सबको अवगत करवाया। अपूर्वा के अनुसार वायु के प्रदूषण का मुख्य कारण प्लास्टिक व उसके उत्पाद हैं, जिनका हमें धीरे धीरे इस्तेमाल बंद करना होगा। उनके अनुसार हमारी जीवन शैली में प्लास्टिक जैसी जहरीली वस्तु ने कोने कोने में अपना अस्तित्व बना लिया है। हमें इसे धवस्थ करना है व प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाने में अपना पूर्ण सहयोग देना है। घर से लेकर स्कूल, दफ्तर, कारखानों तक ऐसी चीजें इस्तेमाल करनी है जो प्लास्टिक से न बनी हो। हमें हर उस साधन की शोध एवं तलाश करनी है जो प्लास्टिक इस्तेमाल को निष्कय करें एवं ऐसे संसाधन जुटाने हैं जो पर्यावरण अनुकूल हों।
इस मौके पर शिवानी वर्मा ने पानी के स्त्रोत एवं इनकी प्रदूषित मात्रा से होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। उनके मुताबिक प्लास्टिक का बहिष्कार ही पानी की गुणवत्ता का मूलमंत्र है। पानी एक बहमूल्य संसाधन है जिसे हमें संगठित प्रयासों द्वारा सुरक्षित रखना है। हमें छोटे छोटे पानी के टैंक बनवाकर पानी का संरक्षण करने और रसोई और बाथरूम से बगैर साबुन वाले पानी को मिट्टी में निष्कासित करना का सुझाव दिया। लाल रींजुयाली के अनुसार ऐसा करने से पानी का वातावर्ण क्रमचक्र बना रहता है और यह बारिश लाने में उपयोगी साबित होता है। स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंदर शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी बच्चों को ज्ञानवर्धक उपयोगी तरीके सुझाए। इस अवसर पर स्कूल ईको क्लब की इंचार्ज ने सभी बच्चों को पर्यावरण शपथ दिलाई और जल वायु एवं पेड़ पौधों की रक्षा के लिए प्रोत्साहित किया।
इसके अलावा डांगरी पंचायत की प्रधान पिंकी देवी और उप प्रधान मोहिंदर मेहता की अगुवाही में वायु गुणवत्ता एवं टीबी रोग आंकलन कार्यशाला का पंचायत परिसर में आयोजन किया गया। नौणी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के तत्वाधान से वायु गुणवत्ता के आकलन हेतु उपकरण (Respirable Dust Sampler) को चलाया जा रहा है जिससे आने वाले एक महिने के उपरांत यहाँ की वायु की क्वालिटी का सही परिणाम स्थापित किया जा सकेगें। अनेकों प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए पंचायत पहले से ही कार्य कर रही है और काफी हद तक सफल भी हुई है। उप प्रधान ने विश्वविद्यालय द्वारा बाटें गए वायु रोकथाम पौधे जैसे स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट, ऐलो वेरा इत्यादि के लिए धन्यवाद किया। पंचायत ने घर- घर में ऐसे कुल 15 प्रकार के पौधे लगवाने का काम कर रही है। पर्यावरण दिवस पर स्कूल के बच्चों द्वारा एक रैली का आयोजन किया गया।