नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय संयोजन कोष (एनएएफसीसी), हरित जलवायु कोष (जीसीएफ) तथा संयोजन कोष (एएफबी) के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के लिए प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने के लिए 11-12 2016 को बंगलुरु में राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देश के दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्र के 14 राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन सचिव सुशील कुमार ने समयबद्ध तरीके से गुणवत्ता संपन्न परियोजना प्रस्तावों को तैयार करने पर बल दिया। अनुमान है कि परियोजना लाभ सतत रूप से परियोजना पूरे होने पर मिलता रहेगा।
एनएएफसीसी की स्थापना 2015 में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्षेत्रों में संयोजन उपायों पर होने वाले खर्चों को पूरा करने में राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरपर गतिविधियों को पूरा करनेमें की गई थी। 2015 में एनएएफसीसी के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उड़ीसा, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, जम्मू एवं कश्मीर , मेघालय, छत्तीसगढ़, मिजोरम,तेलंगाना और पुडूचेरी की ओर से 12 परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। 235.17 करोड़ रुपये के ये प्रस्ताव मंजूरी किए गए हैं और 118.33 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा समझौते के अंतर्गत जीसीएफ एक वित्तीय व्यवस्था है जिसका उद्देश्य कम उत्सर्जन तथा जलवायु लचीलापन में निवेश के लिए अप्रत्याशित स्तर का कोष जुटाना है। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव के नेतृत्व में 2015 में जीसीएफ अधिकार संपन्न समिति ने सिद्धांतरूप में उड़ीसा तथा हरियाणा सरकार के दो परियोजना संकल्प पत्र को मंजूरी दी। ये परियोजना संकल्प पत्र 31.63 मिलियन डॉलर (211 करोड़ रुपये ) तथा 46.39 मिलियन डॉलर(310 करोड़ रुपये) की हैं। आशा की जाती हैं कि कार्यशाला में भाग लेने वालेप्रतिनिधि 15 मई 2016 तक अपनेराज्यों के एनएएफसीसी तथा जीसीएफ के लिए गुणवत्ता संयोजन परियोजनाएं तैयार करने में विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे।
कार्यशाला में महाराष्ट्र, तेलंगाना तथा कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूप से पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नबार्ड) और एनएएफसीसी और जीसीएफ को लागू करने वाली संस्था द्वारा किया गया था। विचार-विमर्श का संचालन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालयके संयुक्त सचिव रवि.एस प्रसाद तथा नबार्ड के उपप्रबंध निदेशक श्रीआर. अमलोरपवंथन ने किया।