अभियान के तहत 6 महीने से 10 वर्ष की आयु के सभी बच्चों में हीमोग्लोबिन स्तर की जाएगी स्क्रीनिंग
अभियान 4 अक्टूबर से 3 नवंबर तक मनाया जाएगा
राज्य में 6 महीने से 10 साल तक के लगभग 11 लाख बच्चों को पहली बार डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर के साथ की जाएगी स्क्रीनिंग
सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में आर. बी. एस. के. टीमों के माध्यम से और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से की जाएगी स्क्रीनिंग
शिमला: स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) सुभाशीष पांडा द्वारा एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान का शुभारम्भ किया गया। जिसके तहत 6 महीने से 10 वर्ष आयु के सभी बच्चों में हीमोग्लोबिन स्तर की स्क्रीनिंग की जाएगी। एनीमिया मुक्त भारत स्कोर कार्ड (जून 2022 तक) के अनुसार, आयरन फोलिक एसिड कवरेज में 59.4 प्रतिशत उपलब्धि के साथ हिमाचल प्रदेश 8वें स्थान पर है। जिसका उल्लेख ए. एम. बी. इंडेक्स में किया गया है। बच्चों में एनीमिया को रोकने के लिए एक विशेष राज्य विशिष्ट एनीमिया स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान 4 अक्टूबर से 3 नवंबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान राज्य में 6 महीने से 10 साल तक के लगभग 11 लाख बच्चों को पहली बार डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर के साथ स्क्रीनिंग की जाएगी। यह सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों में आर. बी. एस. के. टीमों के माध्यम से और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से स्क्रीनिंग की जाएगी।
यह अभियान शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से मनाया जाएगा। इस अभियान की रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए विकसित एम. एम. बी. एस. वाई. के सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन / वेब पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
अभियान के दौरान मध्यम और गंभीर रक्ताल्पता (अनिमिक) पाए जाने वाले बच्चों को आयु वर्ग के अनुसार आयरन फोलिक एसिड %– सिरप और पिंक टैबलेट की चिकित्सीय खुराक दी जाएगी। यह गतिविधि हिमाचल प्रदेश राज्य में बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण के बेहतर मानकों को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर साबित होगी।
आज इस शुभ अवसर पर राष्ट्रीय सवास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक हेमराज बैरवा निदेशक डब्ल्यू. सी. डी. रूपाली ठाकुर, उप मिशन निदेशक डॉ. गोपाल बेरी, राज्य नोडल अधिकारी नरेश, एल्लर्ज्विले समिति कक्ष में उपस्थित रहे एवम् वी. सी. के माध्यम से सभी ज़िला उपायुक्तों व उनके प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य, डब्ल्यू. सी. डी. और शिक्षा विभाग के अन्य ज़िला अधिकारीयों ने भी भाग लिया।