प्रदेश में वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाई गठित करने के लिए कार्यशाला

हिमाचल: प्रदेश वन विभाग के वन्यप्राणी प्रभाग ने आज होटल हॉलिडे होम में  भारत सरकार-यू एन डी पी – जी ई एफ वित्तपोषित सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत राज्य में वन्यजीव अपराधों को रोकने के लिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के सहयोग से वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाई एवं उच्च स्तरीय अंतर एजेंसी समन्वय समिति के गठन के लिए  प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी ) राजीव कुमार हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षता में अर्ध दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाई का गठन सिक्योर हिमालय परियोजना (आजीविका सुरक्षा, संरक्षण उच्च हिमालयन पारिस्थितिकी तंत्र की निरंतर बहाली ) के परिणाम-3 के एक भाग के रूप में गठित की जा रही है  जिसका उद्देश्य प्रवर्तन, निगरानी और विभिन एजेंसियों में आपसी सहयोग बढ़ाना है जिसके परिणाम स्वरुप उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वन्यजीव अपराधों के साथ-साथ बर्फानी तेंदुए के आवासों में बढ़ते खतरों को कम किया जा सके। 

इस कार्यशाला में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो,राज्य पुलिस , सी आई डी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, डाक, उड्डयन प्राधिकरण, रेलवे, राज्य फॉरेंसिक प्रयोगशाला, वन और यू एन डी पी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन करने का उद्देश्य सफल रहा और जल्द ही प्रदेश में वन्यजीवों के बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण समिति व उच्च स्तरीय अंतर एजेंसी समन्वय समिति का गठन करके उसकी सूचना जारी की जाएगी।

एच वी गिरिशा, अतिरिक्त निदेशक वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो  ने कार्यशाला  में पश्चिमी हिमालय,  विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में वन्यजीवों के बढ़ते अपराधों के विषय में जानकारी साझा की।   विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यशाला में वन्यजीवों  के प्रति बढ़ते अपराधों पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किये। अनिल ठाकुर, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल ( वन्यप्राणी ) ने सभी प्रतिभागियों का कार्यशाल  में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया।

 कार्यशाल  में वन विभाग के अन्य अधिकारी के.थिरुमल , मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) शिमला, अनीता भारद्वाज, वन मंडलाधिकारी वन्यप्राणी शिमला भी उपस्थित थे।

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