बागवानों की सेब संबंधी कठिनाइयों के निवारण के लिए प्रदेश सरकार को शीघ्र करवाएंगे अवगत : बागवानी निदेशक डाॅ. आर.के. परूथी

कार्टन ट्रे अथवा बाॅक्सिज़ से संबंधित जीएसटी मुद्दे को भी सरकार के समक्ष उठाया जाएगा

शिमला: बागवानों के सेब संबंधी मामलों में आ रही कठिनाइयों के निवारण के लिए शीघ्र प्रदेश सरकार को अवगत करवाया जाएगा ताकि सीजन के दौरान बागवानों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। यह विचार आज निदेशक बागवानी विभाग डाॅ. आर.के. परूथी ने रोहडू तथा ठियोग में सीजन के दौरान सेब उत्पादकों, स्थानीय प्रशासन के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। इस दौरान उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, उपमण्डलाधिकारी ठियोग सौरव जस्सल, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड नरेश ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी रोहडू, तहसीलदार रोहडू, अन्य अधिकारीगण व बागवान उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि एचपीएमसी द्वारा एमआईएस के तहत बागवानों से प्राप्त सेब को प्रसंस्करण के माध्यम से विभिन्न उत्पादों की तैयारी स्थानीय स्तर पर की जाएगी ताकि वो सेब पुनः बाजार में न आ सके।
उन्होंने कहा कि कार्टन ट्रे अथवा बाॅक्सिज़ से संबंधित जीएसटी मुद्दे को भी सरकार के समक्ष उठाया जाएगा
रोहडू के दूर-दराज क्षेत्रों में सीए अथवा कोल्ड स्टोर खोलने की बागवानों की मांग के प्रति भी उन्होंने इस संबंध में जल्द सरकार को अवगत करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि रोहडू क्षेत्र में चल रही विभिन्न मण्डियों का कार्य सुचारू हो सके इसके लिए संबंधित विभाग सक्रियता व गंभीरता से कार्य करेगा
सेब बागवानी में उपयोग होने वाले खाद, कीटनाशक व अन्य दवाईयां सरकारी उपक्रम के माध्यम से बागवानों को प्रदान किए जाने की मांग के संबंध में भी उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए ताकि दामों में बढ़ोतरी को रोका जा सके
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में बागवानों की मांग के अनुरूप सेब उत्पादन मूल्य के निर्धारण के लिए भी प्रदेश सरकार को अवगत करवाया जाएगा।
बैठक में बागवानों ने सेब से संबंधित योजना बनाए जाने पर बागवानों की इसमें सहभागिता की अपील की
बागवानों द्वारा केसीसी मार्केटिंग प्रोसेसिंग फीस बंद करने तथा केसीसी लिमिट पर ब्याज न लेने की भी अपील की गई
ठियोग में बैठक के दौरान विधायक राकेश सिंघा ने भी अपने सुझाव रखें।
प्रबंध निदेशक एचपीएमसी सुदेश कुमार मोक्टा ने बैठक में बताया कि सूखे व ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के प्रति राहत प्रदान करने के मापदंडों को राज्य के हिसाब से तय करने के लिए केन्द्र सरकार को मामला भेजा जाएगा।

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