हिमाचल: पहली जुलाई से सिंगल यूज प्‍लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध

हिमाचल: प्रदेश में एक जुलाई से एक बार प्रयोग होने वाले (सिंगल यूज प्लास्टिक) पर प्रतिबंध रहेगा।  केंद्र सरकार की एक साल पहले जारी अधिसूचना के अनुसार हिमाचल में भी 120 माक्रोन की मोटाई वाले प्लास्टिक  की वस्तुओं के उपयोग पर पूरी तरह से रोक रहेगी। प्लास्टिक से बने कैरी बैग, प्लेटें, कप, गुब्बारों की डंडियां, चम्मच, कांटे कैंडी स्टिक आदि का उपयोग कोई नहीं कर सकेगा। इसके अलावा कोई भी प्लास्टिक की इन वस्तुओं का निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग नहीं कर पाएगा। राज्य में अभी तक 75 माइक्रोन से तक प्लास्टिक की थैलियों पर रोक लगी है।

एक जुलाई, 2022 से पॉली स्टाइरीन (थर्माकोल) और विस्तारित पॉली स्टाइरीन वस्तुओं सहित एक प्रयोग प्लास्टिक वसल्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण विकरण और उपयोग पर रोक लगेगी। इन वस्तुओं में प्लास्टिक युक्त ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पॉली स्टाइरीन की सजवटी सामग्री पर रोक रहेगी।

इसके अलावा प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, जैसी कटलरी, मिठाई के डब्बों को लपेटने वाल प्लास्टिक फिल्में, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी। कंपोस्ट योग्य प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर यह लागू नहीं होगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रबोध सक्सेना ने कहा कि वातावरण की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण के विकास पर बल देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल द्वारा प्लास्टिक थैलियों को बैन करना सुनिश्चित किया गया था। उन्होंने कहा कि हाइड्रो इलैक्ट्रिक प्रोजेक्टस में 15 प्रतिशत पानी लीन सीजन में नदियों में डिस्चार्ज करना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण के लिए नदियों व जल की उपयोगिता को कारगर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में एक बार के इस्तेमाल के उपरांत उपयोगिता खत्म होने वाले प्लास्टिक को 01 जुलाई को पूर्णतः प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश में जनता केन्द्र सरकार के निर्णय को लागू कर इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सहयोग प्रदान करेगी।

वहीं केंद्र ने एडवाइजरी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून तक गतिविधियां शुरू करने को कहा है। खासकर प्लास्टिक की पन्नी और पानी की बोतलों वाले कचरे की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर सफाई और अभियान चलाने को कहा गया है। फिलहाल स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय जो काम कर रहे हैं, उसमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन उन्मूलन शामिल है। एडवाइजरी में कहा गया कि सफाई कार्य में तेजी के लिए एसयूपी हॉटस्पॉट की पहचान और उन्हें नष्ट करना जरूरी है।एडवाइजरी में प्रतिबंधों को लागू करने आनाकानी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की सलाह दी गई है। 

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