स्थानीय फसलों और उत्पादों को बढ़ावा दें: डॉ शर्मा

कृषि विज्ञान केंद्र ताबो की वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक आयोजित

सोलन: ताबो में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (लाहौल और स्पीति-II) की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हाल ही में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा ने की। डॉ. दिवेंद्र गुप्ता, नौणी विवि के निदेशक विस्तार शिक्षा, गुनजीत सिंह चीमा, एसडीएम स्पीति, विभिन्न विभागों के सदस्यों और किसान सदस्यों बैठक में शामिल हुए, जबकि डॉ. राजबीर सिंह, निदेशक, आईसीएआर-अटारी-जोन-I ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया।

अपने स्वागत भाषण में डॉ. गुप्ता ने केवीके ताबो द्वारा किए गए कार्यों और स्पीति घाटी के कृषक समुदाय पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने तकनीकी जानकारी के प्रसार के लिए विविधीकरण और डिजिटल उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. सुधीर वर्मा,  केवीके ताबो के प्रभारी ने पिछले वर्ष केवीके द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में बताया और आगामी वर्ष के लिए वार्षिक कार्य योजना पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की।

डॉ. रविंदर शर्मा ने स्थानीय फसलों और उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने पोस्ट हार्वेस्ट में लोकल तकनीकी ज्ञान का उपयोग करने के लिए स्थानीय किसानों की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जियो इंडिकेटर का उपयोग करने के लिए भी कहा। डॉ शर्मा ने केवीके संकाय से जौ और गेहूं जैसे स्थानीय फसलों के उत्पादों पर कार्य करने, स्पीति घाटी में उपयुक्तता के लिए मटर के विभिन्न जीनोटाइप का परीक्षण और ट्राइबल खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने स्कूली छात्रों के बीच कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी के प्रति रुचि पैदा करने के लिए भी कार्य करने की सलाह दी। सभी सदस्यों ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, सब्जी और फलों की नर्सरी, परामर्श प्रदान करने और प्रदर्शनों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्रदान करने में केवीके के प्रयासों की सराहना की।

प्रतिभागियों ने केवीके के मुख्य फार्म का भी दौरा किया और एचपी-एचडीपी के तहत उच्च घनत्व वाले सेब रोपण पर परीक्षण सहित विभिन्न अनुसंधान परीक्षणों की समीक्षा की। डॉ शर्मा और डॉ गुप्ता ने स्पीति के विभिन्न गांवों में किसानों के खेतों में विभिन्न ऑन-फार्म परीक्षणों और फ्रंट लाइन प्रदर्शनों का दौरा भी किया गया। केंद्र ने स्पीति घाटी के कुरीथ, माने, चिचम और लोसर में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जिसमें सब्जी नर्सरी वितरित की गई।

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