हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बेहतर न होने के कारण अभिभावक बच्चों को निजी स्कूलों में दिला रहे एडमिशन : मनीष सिसोदिया

पांच साल के भीतर सरकारी स्कूलों की तस्वीर प्राइवेट स्कूलों से बेहतर नहीं हुई तो अगली बार वोट मत देना

शिमला: हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया मंगलवार को शिमला पहुंचे। सिसोदिया ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अभिभावकों और शिक्षाविदों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने जहां प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली वहीं, दिल्ली मॉडल के बारे में भी बताया। मनीष सिसोदिया ने हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनीष हिमाचल सरकार ने सरकारी स्कूलों का बंटाधार कर दिया है। निजी स्कूलों को मनमानी लूट की खुली छुट दे रखी है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली देश का एक मात्र केंद्र प्रशासित राज्य है जहां सात साल में कुल बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बेहतर न होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं। हिमाचल के आठ हजार स्कूलों में एक या दो टीचर हैं जबकि दस हजार स्कूल एक या दो कमरों में चल रहे हैं। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा केवल लड़ाई झगड़े और गुंडागर्दी करने में विश्वास रखती है पढ़ाने लिखाने में बच्चों का कैरियर बनाने में कोई रूचि नहीं है।

उन्होंने एक बार हिमाचल विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मौका देने की अपील लोगों से की और कहा कि पांच साल के भीतर सरकारी स्कूलों की तस्वीर प्राइवेट स्कूलों से बेहतर नहीं हुई तो अगली बार वोट मत देना। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार जनता शिक्षा के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को वोट करेगी।

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