कोविड-19 महामारी के खिलाफ एसजेवीएन देश की इस लड़ाई में निभा रहा अहम भूमिका

एसजेवीएन ने मध्य प्रदेश में हासिल की 90 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना : सीएमडी नन्‍द लाल शर्मा

नन्‍द लाल शर्मा बोले-यह टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल की गई हमारी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना”

परियोजना के कमीशन होने से 2,52,737 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की संभावना

एसजेवीएन वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन राष्ट्र बनाने में सक्रिय रूप से दे रहा योगदान 

शिमला: एसजेवीएन अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में नवीनतम वृद्धि करते हुए आरईडब्ल्यूए अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा जारी निविदा में 3.26 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल्‍ड, ओन एंड आपरेट के आधार पर 90 मेगावाट  फ्लोटिंग सौर परियोजना हासिल की।

 नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थित भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क में इस परियोजना का निर्माण करेगा। इस परियोजना की निर्मित लागत लगभग 585 करोड़ रुपए होगी। कमीशनिंग के पश्‍चात, परियोजना पहले वर्ष में 219 मिलियन यूनिट और 25 वर्षों की अवधि में 5158 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन करेगी। आरयूएमएसएल और एसजेवीएन के मध्‍य 25 वर्षों के लिए विद्युत खरीद करार हस्‍ताक्षरित किया जाएगा। पीपीए पर हस्ताक्षर करने की तिथि से 15 माह की अवधि के भीतर परियोजना को कमीशन किया जाएगा।

नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि, यह टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल की गई हमारी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। इस परियोजना के कमीशन होने से 2,52,737 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है। एसजेवीएन वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन राष्ट्र बनाने में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।”

31000 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएन के पास अब लगभग 3.3 गीगावाट क्षमता की 19 सौर विद्युत परियोजनाएं प्रचालन एवं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। वर्तमान में नई परियोजनाओं की वृद्धि से कंपनी वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के अपने साझा विजन को साकार करने की ओर बढ़ रही है।

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