रोटावायरस टीका तैयार करने वाला हिमाचल बनेगा देश का पहला राज्य

शिमला: हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जो अगले माह से कांगड़ा जिला से रोटावायरस टीकाकरण शुरू करेगा। रोटावायरस बच्चों और युवाओं में डायरिया का प्रमुख कारण है। यह जानकारी राज्य स्वास्थ्य आयोग के प्रतिनिधियों की आज यहां मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के साथ आयोजित बैठक में दी गई। आयोग ने राज्य के स्वास्थ्य परिदृश्य को लेकर अपनी प्रथम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयोग की संस्तुतियों पर कदम उठाएगी तथा आयोग की संस्तुतियों को कार्यान्वित करने के लिए शीघ्र कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रॉमा सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जाएगा तथा जिला अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सकों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का रोटेशन सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने आयुष फिजिशियन, नर्सिज एवं पैरामैडिक्स के लिए ब्रीज कोर्स करवाए जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला अस्पताल परामर्श बोर्ड तथा अन्तर संस्थानागत शैक्षणिक परिषद की स्थापना पर भी विचार करेगी।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि आयोग की इन संस्तुतियों के शीघ्र कार्यन्वयन के लिए स्वीकृत किया जा सकता है तथा अन्य सुझावों पर विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मानक देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है। बावजूद इसके राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को वहन करने योग्य दरों पर गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों को तैयार किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य रोगों के लिए लोगों को मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में जाने के बजाये नजदीक के स्वास्थ्य उपकेन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ही बेहतर सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जो रूपरेखा तैयार की है, प्रदेश सरकार उन चुनौतियों एवं सिफारिशों के अनुरूप राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रारम्भिक एवं द्वितीय चरण के उपचार पर ध्यान आकर्षित करेगी, क्योंकि प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में स्थापित औषधालय स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि से लोगों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य नीति में यह स्पष्ट है कि प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कैसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में आशातीत परिवर्तन होगा और विशेषकर गरीब लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य के मार्ग दर्शन और सुझाव देने के लिए हि.प्र. स्वास्थ्य आयोग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज के दिन हिमाचल उन राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो गया है जो अपने नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए भविष्य की योजनाएं तैयार कर रहा है। कौल सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर बहुत अच्छी है, लोगों की आय दर उच्च है और जनसंख्या भी नियंत्रित है और इन कारणों से प्रदेश में सस्ती और गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयुक्त वातावरण है।

आयोग के अध्यक्ष डॉ एम.के. भान ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के प्रदर्शन को सराहा जाता है जहां सार्वजनिक क्षेत्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा अन्य राज्यों की तुलना में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च भी सराहनीय है। उन्होंने गंभीर बीमारियों के उपचार पर और अधिक ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता जताते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप जिला स्तरीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चौबीसों घण्टे उपचार एवं एम्बुलैंस की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बल दिया।

डॉ भान ने सुझाव दिया कि प्रदेश के सभी 48 उप जिला स्तरीय अस्पतालों को भारतीय जन स्वास्थ्य मानक की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए इन्हें आगामी दो सालों में दुरूस्त किया जाना चाहिए और अगले पांच वर्षों में 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 100 बिस्तरों वाले जिला उप अस्पतालों के रूप में स्तरोन्नत करना चाहिए। अन्य सभी सामुदायिक केन्द्रों को मातृ व शिशु स्वास्थ्य देखभाल, पुराने रोगों की जांच और गुणवत्ता औषधालय सेवाओं में अधिक कार्य क्षमता हासिल करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चयनित 100 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो को नए प्राथमिक देखभाल अस्पतालों के अन्तर्गत सितारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में स्तरोन्नत किया जाएगा।

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