हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का आठवां दिन..जानें क्या रहा ख़ास

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा विधानसभा सदन में पेश किए बजट पर चर्चा की शुरुआत शनिवार को नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के आगमी वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट 8.3 संभावित होना दिखाया गया है, वो तथ्यों से परे है। जबकि हिमाचल की ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत थी। सरकार लगातार कोरोना काल में नुकसान और आर्थिक परेशानियों की बात करती रही है, लेकिन अब ऐसा क्या चमत्कार हो गया कि ग्रोथ ने इतनी बड़ी छलांग लगा दी। उन्होंने कहा कि बजट में किसी भी वर्ग को किसी तरह की राहत देने का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने आरोप लगाए की जिस मामले में हिमाचल प्रदेश का नाम बदनाम हो रहा है, उन शराब माफियाओं को एक सप्ताह के भीतर कोर्ट से जमानत मिल गई। आखिर सरकार प्रदेश को ऐसे माफियाओं को कैसे कानून की गिरफ्त में ला पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज 5856 ड्रग और 1397 रेप के मामले प्रदेश की गलत छवि पेश कर रहे हैं, लेकिन सरकार कुछ करने की स्थिति में नहीं है।

नेता विपक्ष ने मंडी के ग्रीन फिल्ड एयरपोर्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इसके निर्माण को लेकर लगातार जिक्र कर रही है, जबकि इसके लिए न तो किसी तरह की मंजूरी मिल पाई है और स्थानीय लोग जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहें है। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे को लेकर सरकार सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े दावे कर रही थी, लेकिन एक भी बनना तो दूर अभी तक लोगों को अपनी जमीन के पैसे तक नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन एक भी परियोजना के लिए अभी तक मैचिंग ग्रांट नहीं मिल पाई है।

प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे हालातों पर चितां व्यक्त करते हुए जानकारी दी की अगले दो-तीन दिनों में यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय को भारत वापस लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के 309 छात्रों को वापस लाया जा चुका है, लेकिन अभी भी 109 छात्र यूक्रेन में फंसे  हुए हैं। भारत सरकार और छात्रों के परिजन अभी भी उनके सम्पर्क में हैं। खारकीव से कुछ छात्र बॉर्डर तक पहुंच गए हैं। सीएम ने कहा कि अब खारकीव  से भी छात्रों का निकलना शुरू हो गया है। केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हैं और छात्रों के संपर्क में हैं।

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में बीते दिनों वन मंत्री द्वारा स्वर्गीय वीरभद्र सिंह पर सदन में की गई टिप्पणी पर विक्रमादित्य सिंह ने वीरवार को प्रश्नकाल समाप्त होते सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत यह मामला उठाया और सीधे तौर पर उन्होंने वन मंत्री राकेश पठानिया को अपनी खलड़ी (स्थायीय भाषा में चमड़ी‘ SKin को खलड़ी कहा जाता है) में रहने की नसीहत दे डाली। विक्रमादित्य सिंह ने सदन में कहा वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री रहे और अब वे इस दुनिया में नहीं रहे हैं, ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन मंत्री द्वारा सदन के अंदर वीरभद्र सिंह को लेकर ईडी सीबीआई रेड को लेकर टिप्पणी की थी। इसको लेकर उन्होंने अपने अधिवक्ताओं से भी बात की थी और वह मानहानि का मामला दर्ज करवाना चाहते थे, लेकिन विधानसभा के सदन राकेश पठानिया ने यह टिप्पणी विधानसभा के अंदर की थी। जिसे देखते हुए मामला विधानसभा के अंदर ही मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया और अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने की मांग की गई।

उन्होंने कहा कि वन मंत्री से अपना विभाग को संभाला नहीं जाता और वह दूसरों पर टिप्पणियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा उनका परिवार दशकों से प्रदेश की जनता की सेवा करता आ रहा है ऐसे में उनके परिवार को मंत्री के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

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