कुल्लू: उत्कृष्ट ज्ञान केन्द्रों को पुरस्कृत करने से पंचायतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की कवायद

कुल्लू:  कुल्लू जिला की ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की पहल सार्थक होने लगी है। डीसी आशुतोष गर्ग की ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय खोलने की अवधारणा से ग्राम पंचायतों के प्रधान प्रेरित होकर अपनी-अपनी पंचायतों में ज्ञान केन्द्र स्थापित करने के लिये जुट गए हैं। जिला में 14 ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी हैं जबकि 11 और ज्ञान केन्द्रों को जल्द खोलने की प्रक्रिया विभिन्न पंचायतों में जारी है।

जिला प्रशासन ने उत्कृष्ट ज्ञान केन्द्रों को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा कर दी है। प्रथम स्थान हासिल करने वाली ग्राम पंचायत को तीन लाख रुपये, द्वितीय को दो लाख जबकि तृतीय स्थान पर रहने वाली पंचायत को एक लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ये पुरस्कार किसी राष्ट्र अथवा राज्य स्तरीय आयोजन के अवसर पर प्रदान किये जाएंगे। पुरस्कारों की घोषणा से जिला की और अधिक ग्राम पंचायतें ज्ञान केन्द्रों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित होंगी और इनके बेहतर संचालन की भी व्यवस्था करेंगी।

ज्ञान केन्द्रों के संचालन में बेहतर प्रदर्शन के आंकलन के लिये जिला प्रशासन ने मानदण्ड निर्धारित किये हैं। इसके लिये कुल 50 अंकों की आंकलन तालिका बनाई गई है। जो ग्राम पंचायत इन मानदण्डों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है, उस ग्राम पंचायत को तीन लाख रुपये नकद प्रदान किये जाएंगे। ज्ञान केन्द्र में समर्पित स्थान के लिये कुल पंाच अंक रखे गये हैं। इनमें 100 वर्गफुट क्षेत्र के लिये एक अंक, 300 वर्गफुट के लिये दो, 300 से 500 वर्गफुट के लिये 3 तथा 500 से अधिक वर्गफुट के लिये पांच अंक निर्धारित किये गए हैं।

ज्ञान केन्द्रों में सुविधाओं के लिये 10 अंक रखे गए हैं। इनमें शौचालय, पेयजल, चाय व स्नैक्स, पार्किंग, अध्ययन स्थल में उपयुक्त लाईट व्यवस्था, कंप्यूटर व इंटरनेट सुविधा, रिकार्ड व पुस्तकों का सुरक्षित प्रबंधन तथा प्रबंधन समिति का गठन शामिल है। बैठने की व्यवस्था के लिये पांच अंक निर्धारित किये गए हैं। इसमें 10 से 40 लोगों के बैठने की सुविधा के आधार पर अंक मिलेंगे। पुस्तकों की उपलब्धता के लिये भी पांच अंक निश्चित किये गए हैं। इसमें 100 से लेकर 500 पुस्तकों के आधार पर अंक प्रदान किये जाएंगे।

इसी प्रकार, ग्राम पंचायत द्वारा अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण के लिये 10 अंक निर्धारित किये गए हैं। इसमें 50 हजार रुपये की राशि से लेकर पांच लाख से अधिक की राशि के अभिसरण यानि कन्वर्जेन्स के आधार पर आंकलन किया जाएगा। ज्ञान केन्द्रों में नामांकन के लिये पांच अंकों की तालिका बनाई गई है। इसमें रजिस्टर में नित्य प्रति ज्ञान केन्द्र में आने वाले लोगों का पंजीकरण करना, स्थाई सदस्यता करवाना तथा पुस्तकालय का उपयोग शामिल हैं। ज्ञान केन्द्रों में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये 10 अंक निश्चित किये गये हैं। इसमें पुस्तकें, फर्नीचर, हार्डवेयर अथवा पुस्तकालय के लिये अन्य आवश्यक सामान खरीदने के लिये 10 हजार रुपये से लेक पांच लाख रुपये का दान प्राप्त करने के आधार पर ज्ञान केन्द्र की कार्यप्रणाली का आंकलन किया जाएगा।

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग ज्ञान केन्द्र स्थापित करने वाली ग्राम पंचायतों को पुस्तकालयों के आंकलन के लिये तैयार की गई अंक तालिका से अवगत करवाएगा। इसका अधिक से अधिक प्रचार व प्रसार करेगा ताकि जिला की और अधिक ग्राम पंचायतें पुस्तकालयों की स्थापना के लिये आगे आएं। हालांकि चरणवद्ध ढंग से जिला की सभी 235 ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्र खोले जाएंगे। डीसी की यह पहल प्रदेश के अन्य जिलों में इसी प्रकार के ज्ञान केन्द्र खोलने के लिये प्रेरित करेगी।

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