कोविड-19 महामारी के खिलाफ एसजेवीएन देश की इस लड़ाई में निभा रहा अहम भूमिका

एससजेवीएन : तीसरी तिमाही में 232.67 करोड़ रुपए के साथ कर पश्चात लाभ में 19% की वृद्धि

सीएमडी नन्‍द लाल शर्मा बोले: तीसरी तिमाही के दौरान एसजेवीएन ने परिचालन से 550.92 करोड़ रुपए का राजस्व किया अर्जित, गत वर्ष की तुलना में 11.29% अधिक

1480 मिलियन यूनिट का इस अवधि के लिए सबसे अधिक विद्युत उत्पादन किया दर्ज

सीएमडी नन्‍द लाल शर्मा ने की कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों और कड़ी मेहनत की सराहना

हाल ही में, एसजेवीएन ने राजस्थान सरकार के साथ एमओयू/एलओआई हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान राज्य में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए राजस्थान सरकार को एक आशय पत्र किया है प्रस्तुत

 शिमला: एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा  ने आज बताया कि एसजेवीएन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान 232.67 करोड़ रुपए का कर पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है, जो गत वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 19% अधिक है।

आज शिमला में कंपनी की बोर्ड बैठक के पश्‍चात संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि तीसरी तिमाही के दौरान, एसजेवीएन ने परिचालन से 550.92 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।  यह गत वर्ष की तुलना में 11.29% अधिक है। एसजेवीएन ने 56.95 करोड़ रुपए की अन्य आय भी दर्ज की है, जिससे गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 55.94% की वृद्धि दर्ज हुई है।

शर्मा ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में, एसजेवीएन ने गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 1280 मि.यू. विद्युत उत्पादन को पार करते हुए 1480 मिलियन यूनिट का इस अवधि के लिए सबसे अधिक विद्युत उत्पादन दर्ज किया है।

नन्‍द लाल शर्मा ने कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों और कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि “ये सकारात्मक वृद्धि प्रतिशतता हमारी परिचालन इकाइयों के इष्टतम उपयोग, बेहतर विद्युत उत्पादन के रिकॉर्ड के लिए निरंतर अन्‍वेषण, सर्वोत्तम वित्तीय प्रथाओं को अपनाने तथा कंपनी के पोर्टफोलियो में क्षमता वृद्धि पर रणनीतिक फोकस के परिणामस्‍वरूप हैं।”

उन्होंने यह भी साझा किया कि सीईआरसी द्वारा एसजेवीएन को पूरे भारत में विद्युत में आंतर-राज्यीय ट्रेडिंग के लिए श्रेणी “1″ लाइसेंस प्रदान किया गया है। अब, एसजेवीएन का लक्ष्य देश में विद्युत का ट्रेडिंग करने के इच्छुक किसी भी उत्‍पादक तथा उपभोक्ता के लिए वन-स्टॉप स्रोत बनना है।  इसके अतिरिक्‍त,  शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए अधीनस्‍थ कंपनी बनाने के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

इससे बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, वेव, बायोमास, स्मॉल हाइड्रो और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं सहित नवीकरणीय ऊर्जा को विकसित करने में मदद मिलेगी। एक अन्य प्रमुख उपलब्धि में, पीआईबी ने 2614.51 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर 382 मेगावाट सुन्नी डैम जल विद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश के निवेश प्रस्ताव की सिफारिश की है।  हाल ही में, एसजेवीएन ने 8 फरवरी को जयपुर में राजस्थान सरकार के साथ एमओयू/एलओआई हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान राज्य में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए राजस्थान सरकार को एक आशय पत्र प्रस्तुत किया है।

वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट स्थापित क्षमता हासिल करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, एसजेवीएन ने अपने बिजनेस मॉडल को पुन: तैयार करते हुए अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो पर जोर दिया है। एसजेवीएन की किटी में विभिन्न जलविद्युत तथा नवीकरणीय विद्युत परियोजनाओं को जोड़ने के परिणामस्‍वरूप वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए साझा विजन को बढ़ाया गया है।

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