मुख्यमंत्री को नाम बदलने की बजाय मंडी की सूरत बदलनी चाहिए : प्रदेश कांग्रेस

नड्डा प्रदेश के सासंद है,ऐसे में क्षेत्र के लोगों के मिलने का उनका पूरा अधिकार : नरेश चौहान

नरेश चौहान ने सरकार पर साधा निशाना, पुलिस परिजनों पर बने मुकदमे वापस लेने की उठाई मांग

शिमला: कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चौहान ने बिलासपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिलने आये पुलिस कर्मचारियों के परिजनों पर एफआईआर दर्ज करने पर कड़ा एतराज जताते हुए इन्हें रद्द करने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से नेताओं से मिलना और उनके समक्ष अपनी समस्याओं को रखना लोगों का नैतिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि वैसे भी नड्डा प्रदेश के सासंद है,ऐसे में क्षेत्र के लोगों के मिलने का उनका पूरा अधिकार है।

नरेश चौहान ने आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए बिलासपुर में घटे इस घटनाक्रम पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को अपने सभी कर्मचारियों को समान दृष्टि से देखते हुए उनकी मांगों और उनकी समस्याओं को दूर करना चाहिए।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जेसीसी के बैठक में पुलिस कर्मचारियों और आउट सोर्स पर लगे कर्मचारियों की किसी भी मांग पर कोई गौर नहीं किया जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस कर्मचारी एक लंबे समय से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखते आये है।उनकी कोई भी मांग सरकार ने पूरी नहीं की।इसी तरह प्रदेश में एक बड़ा कर्मचारी वर्ग आउट सोर्स पर काम कर रहा है उनके बारे भी जेसीसी की बैठक में कोई चर्चा न करना इन लोगों के साथ एक बड़ा अन्याय है।उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ एक समान नीति होनी चाहिए।

नरेश चौहान ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों का वर्दी में एकाएक मुख्यमंत्री आवास पर आना बहुत ही गम्भीर मसला है,पर ऐसी परिस्थितियां क्यों बनी सरकार को भी सोचना चाहिए।

नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पुलिस कर्मचारियों की मांगों पर गौर करते हुए प्रदेश सरकार से उनके परिजनों पर बनाये गए मामलों को वापिस लेने को कहना चाहिए।उन्होंने कहा कि सरकार को भी पुलिस कर्मचारियों के साथ टकराव को छोड़ सौहार्द पूर्ण ढंग से मसले को हल करना चाहिए।

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