कोरोना में भी सियासत कर रही जयराम सरकार : अभिषेक                

कंगना का बयान बेहद शर्मनाक, देशभक्तों की कुर्बानियों का उड़ाया मजाक: अभिषेक राणा

राणा बोले: कंगना राणावत को पद्मश्री  सम्मान मिला तो उन्हें इस की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए थी

शिमला: पद्मश्री मिलने के बाद हाल ही में जारी बयान में अभिनेत्री कंगना राणावत ने कहा कि “असली आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है” जिससे कि संदेश साफ है कि भाजपा सरकार आने के बाद इस देश ने आजादी की सांस ली है। 

इस बयान को शर्मनाक और निंदनीय बताते हुए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया अध्यक्ष और प्रवक्ता अभिषेक राणा ने कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है जहां पर मात्र एक राजनीतिक पार्टी को खुश करने के लिए देश के लिए मर मिटने वालों का मजाक उड़ाया गया है।

1947 के दौर में हज़ारों लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी। ग़ुलामी के खिलाफ लड़ाई तो देश में 1857 से ही चली आ रही है जहां पर रानी लक्ष्मीबाई और मंगल पांडेय जैसे महान वीर सपूत व देशभक्त हुए और बाद में सुखदेव, राजगुरु चंद्रशेखर आजाद व उधम सिंह जैसे भारत मां के बहादुर सपूत जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों तक का मोह छोड़ दिया था कंगना राणावत ने उन सभी देशभक्तों का मजाक उड़ाया है। जिसकी हम कठोर निंदा करते हैं। 

अभिषेक राणा ने कंगना को पद्मश्री अवार्ड मिलने पर टिप्पणी के साथ कहा कि पद्मश्री एक बहुत बड़ा सम्मान है और यह राष्ट्र के उन लोगों को मिलता है जिन्होंने किसी कार्य में महारथ हासिल की हो या समाज भलाई का कोई अतुलनीय कार्य किया हो। हम पद्मश्री का सम्मान करते हैं और उन सभी लोगों का दिल से सम्मान करते हैं जिन्होंने अपनी कर्मठता से खुद को पद्मश्री के योग्य बनाया। कंगना राणावत को भी यह सम्मान मिला तो उन्हें इस की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए थी। पद्मश्री का मतलब है राष्ट्र के लिए कुछ बेहतर करने वाले लोगों का सम्मान लेकिन कंगना राणावत ने राष्ट्र का ही अपमान किया है और राष्ट्र के देशभक्तों का अपमान किया है उन सभी देशभक्तों का अपमान किया है जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों का त्याग कर दिया। 

हिमाचल कांग्रेस की केंद्र सरकार से पुरजोर मांग है कि कंगना राणावत से पद्मश्री वापस लिया जाए और ऐसे निंदनीय बयान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए

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