प्रधानमंत्री 17 नवंबर को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को करेंगे वर्चुअली संबोधित : विधानसभा अध्यक्ष परमार

लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव, संसद टीवी के 20 प्रतिनिधियों सहित 90 लोग कुल मिलाकर 378 प्रतिनिधि लेंगे भाग

शिमला:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  17 नवंबर को सुबह 10.30 बजे 16 से 19 नवंबर तक होने वाले भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करेंगे। इसके अलावा सम्मेलन में 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं व विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारी अर्थात अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रधान सचिव एवं सचिव भाग लेंगे। विधानसभा के तीन लोगों के साथ-साथ सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेगा। लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव, संसद टीवी के 20 प्रतिनिधियों सहित 90 लोग कुल मिलाकर 378 प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रदेश विधानसभा के सदस्यों , लोकसभा व राज्य सभा सांसदों को भी आमंत्रित किया गया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि 100 साल पहले सितंबर 1921 में शिमला स्थित काउंसिल चैंबर जो वर्तमान में विधान सभा है, इसमें पहला अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित हुआ था।

 उसके बाद अब शिमला में 82वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहा और विधानसभा सचिवों का 58वां सम्मेलन है। विधान सभा अध्यक्ष परमार ने कहा कि सम्मेलन में शामिल होने के लिए सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों व उप पीठासीन अधिकारियों को पत्नियों के साथ शिमला आने का निमंत्रण दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की पहचान देश के सभी राज्यों तक पहुंचेगी। साथ आने वाले स्वजनों को शिमला की मशहूर सैरगाहों कुफरी, चायल, नालदेहरा, नारकंड़ा, तत्तापानी सहित कई दूसरे रमणीक स्थानों पर घुमाया जाएगा। पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा सचिवालय सुनिश्चित करेगा कि किस विषय पर चर्चा की जानी है। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि सम्मेलन लोक सभा की तरफ से आयोजित हो रहा है. प्रदेश विधान सभा इस सम्मेलन का केवल आयोजक है। सम्मेलन में विधायिका, कार्य पालिका और न्याय पालिका में मौजूदा समय में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा होगी.विपिन सिंह परमार ने कहा कि विधान भवन को प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर विकसित करने की स्थिति में देश के विभिन्न राज्यों की विधान सभा एवं विधान परिषदों के सदस्यों को संवैधानिक कार्य प्रणाली का प्रशिक्षण यहां प्रदान किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तपोवन विधान भवन को ई.विधान अकादमी के तौर पर स्थापित करने का प्रस्ताव लोकसभा सचिवालय को भेजा गया और ई. विधान अकादमी स्थापित करने की मांग को पुन: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला  के सामने रखा जाएगा।

इस सम्मेलन से पूर्व 6 सम्मेलन वर्ष 1921, 1926, 1933, 1939, 1976 तथा 1997  में शिमला में आयोजित कर चुके हैं। यह सातवां सम्मेलन है जिसका आयोजन शिमला में आयोजित किया जा रहा है। पुस्तकालय कक्ष में लोक सभा द्वारा कुछ प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी जिसका शुभारम्भ 17 नवम्बर को लोक सभा अध्यक्ष करेंगे जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य से सम्बन्धित कुछ प्रदर्शनियां पीटर हॉफ में भी लगाई जायेगी जिसका लोक सभा अध्यक्ष 17 नवम्बर को शुभारम्भ करेंगे।

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