शूलिनी विवि के योग विद्यालय की 10 दिवसीय संस्कृत वार्तालाप कार्यशाला सम्पन्न

कार्यशाला में कुल 82 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

सोलन: शूलिनी विश्वविद्यालय के योग विद्यालय द्वारा आयोजित संस्कृत वार्तालाप पर दस दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को समापन समारोह के साथ हुआ वर्कशॉप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आयोजित की गई। ऑफ़लाइन कार्यशाला केलिए संस्कृत भारती के शिक्षक ललित सती थे और ऑनलाइन कार्यशाला के लिए डॉ. मुकेशकुमार, सहायक प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज, ऊना, शिक्षक थे। कार्यशाला में कुल 82 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृत भारती, हिमाचल प्रदेश के प्रांत संगठन मंत्री  नरेंद्र थे। समारोह का संचालन सहायक प्राध्यापक मिस दीपशिखा ठाकुर और भावना भाटिया ने किया।

 पवन कुमार ने विश्वविद्यालय और उसकी उपलब्धियों का परिचय दिया और कार्यशाला कीरिपोर्ट ललित सत्ती द्वारा दी गई।  नरेन्द्र ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय पहला निजी विश्वविद्यालय है जिसने संस्कृत विषय पर कोई कार्यशाला आयोजित की है। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने वास्तविक इतिहास के बारे में जानना है तो उसके बेहतर समझ के लिए संस्कृत सीखनी चाहिए।

कुलाधिपति प्रो. पी के खोसला ने संस्कृत के साथ शोध करने पर जोर दिया। प्रो. मंजू जैदका ने विश्वविद्यालय में संस्कृत विषय को लेकर नया रोड मैप बनाने की बात कही। डॉ. माला त्रिपाठी नेकार्यशाला के आयोजन के लिए सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और संस्कृत भारती को धन्यवाद दिया।

इस कार्यशाला के अंतिम दिन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के प्रतिभागियों के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम तीन प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार वितरित किए गए। विभाग में संस्कृत विज्ञान प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

योग विभाग के प्रमुख डॉ. सुबोध सौरभ सिंह और संस्कृत के सहायक प्रो. पवन कुमार ने कार्यशाला आयोजित करने की पहल की थी।

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