शिमला : गुम्मा में आयोजित जनसभा के दौरान आज पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा ने टिकट न मिलने से काफी आहत नजर आये। इस दौरान वे मंच पर ही फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा मैंने 15 वर्ष संगठन के लिए राष्ट्रीय स्तर से प्रदेश स्तर तक कार्य किया। जब पिता नरेंद्र बरागटा पीजीआई में अंतिम सांसें गिन रहे थे। मैं उस समय उनके साथ रहकर भी संगठन का कार्य कर रहा था। आज मुझे उसका ईनाम पार्टी ने दिया है। जुब्बल नावर कोटखाई के आम कार्यकर्ता को टिकट देते तो अफसोस नहीं होता। आज पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया है जो 15 वर्षों से भाजपा मंडल में नहीं है, जिसने हमेशा पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र की जनता बोलेगी की हमारा नेतृत्व करो तो मैं जनता के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं। मेरी पिता हमेशा बागवानों के लिए लड़े। मैं भी उनके कदमों पर चलकर हमेशा बागवानों के हितों के लिए काम करूंगा। उन्होंने ऐलान किया कि अब जो जनता कहेगी वो वही फैसला करेंगे। जानकारी आ रही है कि वो इस सीट से नामांकन कर सकते हैं।