हिमाचल: केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया। किसानों की ओर से आज भारत बंद का आह्वान किया गया, विपक्षी दलों ने भी बंद का समर्थन किया। लेकिन हिमाचल प्रदेश में बंद का मिलाजुला असर दिखा। प्रदेश के कुछ जिलों में जहां बाजार खुले नजर आए वहीं कुछ जिलों में बंद के कारण व्यापारियों ने दुकानें ही नहीं खोली। बंद के दौरान राजधानी शिमला सहित ठियोग, कोटखाई, जुब्बल, रोहड़ू, नारकंडा, रामपुर, नालागढ़, पांवटा में किसान-बागवानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं, शिमला के विक्ट्री टनल के पास संयुक्त किसान मंच ने चक्का जाम किया। किसान मजदूर संघर्ष समिति नालागढ़ ने भारत बंद के समर्थन में नालागढ़ चौक पर प्रदर्शन व चक्का जाम किया। भारत बंद का प्रत्यक्ष रूप से असर पड़ोसी राज्य पंजाब में तो दिखा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश भारत बंद का असर मिलाजुला ही दिखा। प्रदेश में अधिकतर जिलों में सुबह सामान्य तौर पर दुकानें खुली रही और लोग सामान्यता आवाजाही करते नजर आये।
भारत बंद असर केवल हिमाचल पथ परिवहन निगम पर ही पड़ा। हिमाचल से पंजाब होकर अन्य राज्य जाने वाली बसें आज बंद रही। भारत बंद के चलते आईएसबीटी से अंतरराज्यीय रूटों चलने वाली सभी बसें आज बंद रहीं। एचआरटीसी से सुबह दो बसें चंडीगढ़ भेजी थीं, लेकिन पंजाब में चक्का जाम व प्रदर्शन के चलते बसें वहां फंस गई हैं। इसके बाद बाहरी राज्यों की सभी सेवाओं को रद्द कर दिया गया।
भारत बंद को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इसका असर कहीं देखने को नहीं मिल रहा है। हिमाचल से बाहर बसें न भेजने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला एहतियात के तौर पर किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीपीएम के लोगों के द्वारा रास्ता रोकने की सूचना मिली है। इसके अलावा बंद का कहीं कोई असर नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के लोग शांति प्रिय लोग हैं, वे सब जानते हैं। किसानों के हित में जो काम मोदी सरकार ने किए हैं, वे लोगों के दिल दिमाग में हैं। यहां के लोग किसी प्रकार के बहकावे में आने वाले नही हैं।