शूलिनी विवि ने किया आत्मकथा पर साहित्य सत्र आयोजित, “आलो अंधारी” रहा शीर्षक

अगले शुक्रवार को होगा एक और सत्र का आयोजन, जिसका शीर्षक होगा ‘कोविड का मेटामोर्फोसिस: वन ईयर लेटर’

जिसमें होंगे भारत, अमेरिका, सर्बिया और ब्राजील के वक्ता, जो महामारी के पिछले एक साल के अपने अनुभव को करेंगे साँझा

सोलन: शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के साहित्यिक समाज, बेलेट्रिस्टिक ने बेबी हालदार की आत्मकथा पर आधारित एक और साहित्यिक सत्र का आयोजन किया, जिसका शीर्षक था ‘आलो अंधारी’। सत्र के लिए आमंत्रित वक्ता डॉ. सपना पंडित थे जो कि नालागढ़ कॉलेज, हिमाचल प्रदेश में एक संकाय सदस्य हैं। आमंत्रित वक्ता के अलावा, पैनल में अंग्रेजी विभाग की प्रोफ़ेसर मंजू जैदका, तेज नाथ धर, पूर्णिमा बाली, नीरज पिजार, नवरीत साही और राजेश विलियम्स भी शामिल थे। स्पीकर ने सत्र की शुरुआत बेबी हालदार और उनके जीवन इतिहास के परिचय के साथ की। वह एक घरेलू मज़दूर थीं जिन्हें घरेलू हिंसा, गरीबी और संकट का सामना करना पड़ा।उनकी आत्मकथा जीवन की कठिनाइयों की व्याख्या करती है जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाली महिलाओं के अनुभवों से जोड़ा जा सकता है।पूरी कहानी में पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की दुर्दशा का बखूबी वर्णन किया गया है। इसका समापन नीरज पिजार के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।बेलेट्रिस्टिक, शूलिनी लव्स लिटरेचर सोसाइटी, हर शुक्रवार को मिलती है और भिन्न विषयों पर चर्चा करती है।ये वार्ता फेसबुक तथा यूटूब पेजों पर लाइव-स्ट्रीम होती है। अगले शुक्रवार को समाज एक और सत्र के साथ वापस आएगा, जिसका शीर्षक होगा ‘कोविड का मेटामोर्फोसिस: वन ईयर लेटर’ जिसमें भारत, अमेरिका, सर्बिया और ब्राजील के वक्ता होंगे, जो महामारी के पिछले एक साल के अपने अनुभव को साझा करेंगे।

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