अविनाश राय खन्ना ने जाठिया देवी में वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत रोपा पीपल का पौधा 

  • राज्य रेडक्राॅस सोसायटी की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर ने कार्यक्रम में आगमन पर किया अविनाश राय खन्ना का आभार व्यक्त 

शिमला : अधिक से अधिक वृक्ष रोपित कर प्राकृतिक ऑक्सीजन को विस्तार प्रदान करने के लिए हम सब अपना भरपूर सहयोग प्रदान करें। यह विचार आज राष्ट्रीय रेडक्राॅस सोसायटी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने राज्य रेडक्राॅस सोसायटी, सशस्त्र सीमा बल व वन विभाग द्वारा जाठिया देवी में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत पीपल का पौधा रोपित कर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे प्राकृतिक ऑक्सीजन प्रदान केन्द्र है, जिनके माध्यम से मनुष्य को स्वतः ऑक्सीजन की पूर्ति होती है। कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी जैसे हालातों से निपटने के लिए समाज को हरित आवरण की वृद्धि करनी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आज इस क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल, जिला रेडक्राॅस सोसायटी तथा वन विभाग द्वारा पीपल, आंवला, हरड़ बेहड़ा और नीम के लगभग 200 पौधे रोपित किए गए।  
उन्होंने कहा कि इन पौधों से जहां क्षेत्र के लोगों को औषधि प्राप्त होगी वहीं पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषणमुक्त वातावरण का भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वनों की रक्षा करने से हम परोक्ष रूप से विश्व के कल्याण में अपना सहयोग निहित करने में सक्षम होते हैं।
उन्होंने लोगों से बढ़-चढ़ कर पौधारोपण की अपील की।
इस अवसर पर राज्य रेडक्राॅस सोसायटी की अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर ने कार्यक्रम में आगमन के लिए राष्ट्रीय रेडक्राॅस सोसायटी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना का आभार व्यक्त किया। रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में एक लाख 10 हजार पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अभी तक 53 हजार 78 पौधे रोपित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3777 लोगों ने अभी तक इस अभियान में भाग लिया, जिसमें रेडक्राॅस कार्यकर्ता, स्वैच्छिक संस्थाओं के सदस्य, पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य, महिला मण्डल एवं युवक मण्डलों के सदस्यों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद व असहाय लोगों की सेवा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए वृक्षों की उपयोगिता के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम राज्य रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा प्रमुखता से किए जा रहे है ताकि समाज को इसका लाभ मिल सके।

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