26 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा डायरिया मुक्त अभियान : उपायुक्त चंबा डीसी राणा

  • जिले के 50 हजार 600 के करीब बच्चों को ओआरएस और जिंक की गोलियां होंगी वितरित

  • ग्रामीण स्तर पर जानकारी और जागरूकता के लिए प्राथमिकता रखे विभाग

चंबा: उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि जिले में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में डायरिया के प्रभावी रोकथाम के लिए 26 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। डीसी राणा ने यह भी कहा कि एक पखवाड़े तक चलने वाले इस विशेष अभियान के तहत जिले के 50 हजार 600 के करीब बच्चों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित की जाएंगी।

उपायुक्त आज अभियान के सफल संचालन को लेकर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में खंड स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल रूप से आयोजित बैठक की समीक्षा करते हुए बोल रहे थे।
उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण से एहतियातन मानक संचालन प्रक्रिया के तहत एकीकृत बाल विकास सेवाएं विभाग, समाज कल्याण और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी जारी किए। डीसी राणा ने सभी खंड स्वास्थ्य अधिकारियों से समयबद्ध तौर पर ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां की उपलब्धता को भी सुनिश्चित बनाने को कहा।
उन्होंने स्वास्थ्य खंडों में तैनात सभी नोडल अधिकारियों को इस अभियान के दौरान प्रतिदिन किए गए कार्यों की सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए।
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के अलावा ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र जहां पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात नहीं है, खंड स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी प्राथमिकता के साथ ओआरएस और जिंक टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित बनाएं।
उन्होंने कहा कि चूंकि बरसात के मौसम के दौरान बच्चों में डायरिया से संबंधित मामलों की ज्यादा संभावना रहती है। ऐसे में ग्रामीण स्तर पर विभाग द्वारा जानकारी और जागरूकता के लिए विशेष प्राथमिकता रखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा वर्कर और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से जानकारी प्रदान की जाए।
उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास सेवाएं और जिला पंचायत अधिकारी से जागरूकता गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित बनाने को कहा।
बैठक में कार्यवाही का संचालन जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जालम भारद्वाज ने किया। उन्होंने बैठक में अवगत किया कि अभियान के लिए प्रबंधन प्रोटोकॉल को सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने उपायुक्त से अभियान को सफल बनाने का आश्वासन देते हुए कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्राथमिकता के साथ अभियान को सफल बनाया जाएगा।
इस दौरान विभिन्न स्वास्थ्य खंड चिकित्सा अधिकारी वर्चुअल रूप जुड़े।
बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शैलजा, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास सेवाएं बाल कृष्ण, प्रतिनिधि जिला पंचायत अधिकारी राकेश मेहरा उपस्थित रहे।
  • क्या करें क्या ना करें

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज ने बताया किडायरिया तीन प्रकार का होता है। एक्यूट व परसिस्टेंस और क्रोनिक डायरिया। एक्यूट डायरिया नार्मल डायरिया होता है। वहीं परसिस्टेंस डायरिया लगातार 14 या उससे ज्यादा दिन तक हो सकता है। इसके अलावा क्रोनिक डायरिया डेढ़ से तीन माह तक होता है, इसमें पाचन में दिक्कत होती है।

पानी को अच्छी तरह उबाल लें। पानी ठंडा होने की अवस्था में एक लीटर पानी में एक पैकेट ओआरएस का घोल लें। इस घोल को 24 घंटे के बाद प्रयोग ना करें।

बच्चे को पैक्ड जूस और गुलकोज डी इत्यादि ना पिलाएं।

बिना डॉक्टर के परामर्श से कोई दवाई ना खिलाए।

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