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विक्रमादित्य सिंह संभालेंगे राजगद्दीः वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले होगा विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक

शिमला: शनिवार दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से मोक्ष धाम परिसर रामपुर में किया जाएगा। नगर परिषद द्वारा वीरवार को बाकायदा राज परिवार के अंतिम संस्कार वाले स्थान में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लेकिन अंतिम संस्कार से पहले वीरभद्र सिंह के पुत्र टीका विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक किया जाएगा। 74 साल के बाद बुशहैर रिसायत का राजा बदला जाएगा। वीरभद्र सिंह 13 साल की आयु में राजा बने थे। इन्होंने 74 साल तक रियासत को संभाला। अब इनके बेटे विक्रमादित्य सिंह रियासत के राजा बनेंगे।

इसके लिए दरबार परिसर में तैयारियां पूरी की जा रही है। राजपरिवार में रिवायत हैं कि राजा के दाहसंस्कार से पहले ही उनके पुत्र का राजतिलक किया जाता है। राज परिवार में कभी राज्य को बिना राजा के नहीं छोड़ा जाता है, जब भी किसी राजा का देहांत होता है तो उनके दाहसंस्कार से पहले बेटे को राजा बनाना अनिवार्य है।

वर्ष 1947 में राजा पदम् सिंह की मृत्यु हो जाने के बाद वीरभद्र सिंह का पूरे राज रीति रिवाज के अनुसार राजतिलक किया गया था।

वीरवार को वीरभद्र सिंह का आकस्मिक निधन हो जाने के बाद उनके वारिस टीका विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक होना निश्चित हुआ है। दरबार परिसर के अधिकारी सत्यप्रकाश नेगी ने बताया कि शनिवार सुबह विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक होगा।

इसके लिए जिला किन्नौर में सांगला में स्तिथ कामरु देवता की मौजूदगी में पूरे रीति रिवाज के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कामरु देवता के साथ वहां के स्थानीय लोग भी मौजूद रहेंगे। राज परिवार का कामरु देवता के साथ पारिवारिक संबंध भी है। राजतिलक के बाद ही वीरभद्र सिंह की अंत्येष्टि मोक्ष धाम में स्तिथ राज परिवार के श्मशान घाट में की जाएगी।

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